मज़हब ने ही सिखाया, आपस में बैर रखना

मज़हब ने ही सिखाया, आपस में बैर रखना,

सुरक्षित रहेगा वह ही, कराये अपना ख़तना।
मज़हब ने ही बताया, हर ग़ैर इस्लामी काफिर,
हत्या या बलात्कार, इस्लामिक राष्ट्र सपना।


धर्म की करो व्याख्या, प्रथम मानवता मिलेगी,
वसुधैव कुटुम्ब सपना, धर्म प्रधानता मिलेगी।
सर्वे सन्तु निरामया, सनातन की परम्परा रही,
दुश्मन भी शरण माँगे, भारत में शरण मिलेगी।

अ कीर्ति वर्द्धनहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ