यह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिवस

यह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिवस,

मंगलमय हो यह नया वर्ष।
सृजन सृष्टि का प्रथम दिवस ,
विक्रमी संबत प्रारंभ दिवस ,
शक-साम्राज्य विनाश दिवस,
विक्रमादित्य का विजय दिवस,
पराक्रमी श्रीराम, युद्धिष्ठिर
राजा का अभिषेक दिवस,
स्वामि दयानंद के द्वारा
आर्य समाज का सृजन दिवस ।
संत शिरोमणि झूलेलाल ,
संस्कृति रक्षक हेडगेवार,
अंगद देव सिक्ख गुरु, ऋषिवर
गौतम का यह जन्म दिवस।
पुष्पित, पल्लवित, मादक, मोहक,
मृदुल प्रकृति का प्यार दिवस,
रम्य-रूप, रंगीन, रसीली
प्रकृति का श्रीॅगार दिवस।
फसल झूमती ,कृषक झूमता,
फलित प्रकृति अन्नपूर्णा लगती,
धन-वैभव का रूप समेटे,
सरल, सुखद, सम्पूर्णा लगती,
अनुपम छटा विखेरे प्रकृति
का नूतन परिधान दिवस ।
भारत के प्रांगण में नूतन
वर्ष का यह स्वीकार दिवस।
सम्मान दिवस, सौंदर्य दिवस,
संपन्न धरा का शौर्य दिवस,
गौरवशाली ,वैभवशाली
युग पुरुषों का अवतरण दिवस ।
फिर भी हम भटक गए हैं क्यों ?
अपना नव वर्ष मनाने में,
पाश्चात्य नकलची बनकर क्यों ?
अपनी पहचान भुलाने में ।
भौतिकता के चमक दमक में
हम अपनी पहचान न भूलें,
कीर्तिमान इतिहास न भूलें,
निज संस्कृति का मान न भूलें,
राष्ट्र समर्पण भाव न भूलें ,
सत्य सनातन राह न भूलें ,
विश्व गुरु की प्रबल कामना स्वर्णिम युग की चाह न भूलें
मेरी शुभ-कामना सभी को ,
           जीवन का उत्कर्ष मिले ,
           गौरवशाली ,सुखमय जीवन, 
           श्रेष्ठ, शांत नव वर्ष मिले। 
                          मदन दुबे 
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