राजस्व नुकसान का जिम्मेदार कौन?:-कुणाल षाड़ंगी

राजस्व नुकसान का जिम्मेदार कौन?:-कुणाल षाड़ंगी

जमशेदपुर से हमारे प्रतिनिधि श्रीनिवास सिंह की खबर |
स्वर्णरेखा नदी पर बालू खनन के कच्चे रास्ते पर हो रहे बालू उठाव पर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के जारी वीडियो ने मचाया हड़कंप, आनन-फानन में रास्ते को प्रशासन ने किया बंद, कार्रवाई पर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी का तंज कहा- महीनों से चिर निद्रा में सोई प्रशासन की नींद अब खुली, महीनों से हो रहे राजस्व नुकसान का जिम्मेदार कौन।
जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बहरागोड़ा में स्वर्णरेखा नदी से अवैध रूप से बालू खनन को रोकने के लिए प्रशासन ने जेसीबी से नदी घाट तक जाने वाली कच्ची सड़कों को कटवाना शुरू किया है। यहां अवैध बालू उठाव और परिवहन के लिए माफियाओं द्वारा नदी घाट तक कच्ची सड़क बनवा दी गई थी। दरअसल, रविवार रात भाजपा के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सह बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने एक ट्रक को बालू ढोते हुए देखा और विडीयो जारी कर पूछा कि कुछ दिनों पहले बहरागोडा के विधायक व उनके कुछ साथियों ने बालू की अवैध तस्करी करते पाए जाने पर प्रति ट्रक पर ईनाम की घोषणा की थी। आज गुहियापाल गाँव से हाईवे तक की सडक पर रात में ट्रक कौन से सरकारी विकास योजना के लिए बालू लेकर जा रहे हैं। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के इस ट्वीट पर जिला प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन में सोमवार को प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने नदी घाट तक के बने रास्ते का जायजा लिया और जेसीबी की मदद से रास्तों को बंद किया। वहीं, विडीयो जारी होने से हरकत में आये जिला प्रशासन की सुस्त कार्यशैली पर कुणाल षाड़ंगी ने सवाल उठाए हैं। पिछले कई वर्षों से अवैध बालू खनन, खनिज संपदा की लूट और जंगल की अवैध कटाई पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लेने वाले पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मंगलवार को जारी प्रेस-बयान में कहा कि महीनों से चिर निद्रा में सोई प्रशासन की नींद अब खुली है। नदी घाट तक जाने वाले इन रास्तों का निर्माण स्वाभाविक तौर पर एक या दो दिन में तो नही किया जा सकता है। सत्ता के संरक्षण प्राप्त खनन माफिया रास्ता बनाकर महीनों से बालू का उठाव आसानी से कर रहे हैं। ऐसे में महीनों से मची लूट से राज्य सरकार को हो रहे राजस्व क्षति का जिम्मेदार कौन है। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बालू के अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन को अधिक सख्ती और सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है। जिससे खनन माफियाओं द्वारा बालू घाट पर अवैध बालू उठाव को समय पर पूर्ण रूप से नियंत्रित किया जा सके।
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