मार्च 2023 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

मार्च 2023 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

लेखक: रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन।
ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।
मैं आप सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं।
मार्च महीना अर्थात फाल्गुन और चैत्र का संयुक्त महीना अपने आप में बड़ा ही महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। फाल्गुन महीने में होली का पवित्र त्यौहार मनाया जाता है और चैत्र मास में वासंती नवरात्र का विशेष पूजन उत्सव मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि सनातन धर्म के लिए बहुत ही विशेष माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदुओं का नया वर्ष आरंभ होता है। जिसे विक्रम संवत के नाम से जानते हैं। अंग्रेजी वर्ष 2023 में इस वर्ष विक्रम संवत 2080 बुधवार 22 मार्च से आरंभ होगा।

महाराष्ट्र प्रांत में इसे गुढीपाडवा के नाम से बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

सभी सनातनियों को सर्वप्रथम हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2080 की हार्दिक शुभकामनाएं। मेरी तरफ से और दिव्य रश्मि पत्रिका के सभी सदस्यों की तरफ से सभी देशवासियों को और दिव्य रश्मि पत्रिका के पाठकों को विशेष शुभकामनाएं, धन्यवाद और आभार।

फाल्गुन मास और चैत्र मास के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए आइए जानते हैं मार्च 2023 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में।

जैसा कि हम सब जानते हैं 14 मार्च से खरमास आरंभ हो जाता है जो 14 अप्रैल तक रहता है। प्रतिवर्ष लगने वाले इस खरमास में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। 14 अप्रैल के बाद सारे शुभ कार्य पुनः आरंभ हो जाते हैं।

2 मार्च गुरुवार को फागू दशमी, लट्ठमार होली का त्यौहार मनाया जाएगा। जिसे नंद गांव में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

3 मार्च शुक्रवार को आमलकी एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा।

इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है और आज के दिन श्री काशी विश्वनाथ जी का अबीर से शिव अर्चन किया जाता है।

4 मार्च शनिवार को शनि प्रदोष व्रत होगा।

6 मार्च सोमवार को व्रत की पूर्णिमा होगी।

शाम को 4:17 से पूर्णिमा तिथि का प्रवेश होने के कारण आज ही रात्रि में होली का दहन का उत्सव मनाया जाएगा।

होलिका दहन भद्रा में नहीं किया जाता है। रात्रि12:24 से रात्रि 1:35 के बीच होलिका दहन का मुहूर्त मिल रहा है। इसमें ढूंढा राक्षसी का पूजन करके होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन में लौंग, इलाइची, कपूर, नारियल, काले तिल, पीली सरसों, नया अनाज सहित पकवानों का दहन किया जाता है।

प्रत्येक वस्तु को होलिका दहन की अग्नि में "ओम होलिकायै नमः" कहते हुए दहन किया जाता है।

7 मार्च मंगलवार को स्नान दान की पूर्णिमा मनाई जाएगी। आज के दिन काशी में होली का उत्सव, रंग उत्सव मनाया जाएगा। आज ही श्री चैतन्य महाप्रभु जी का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।

8 मार्च बुधवार को सर्वत्र होली का उत्सव, रंग उत्सव, होली का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। आज से ही चैत्र मास आरंभ हो जाएगा।

10 मार्च शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।

12 मार्च रविवार को रंग पंचमी का उत्सव मनाया जाएगा।

14 मार्च मंगलवार को शीतला सप्तमी का त्यौहार होगा।

15 मार्च बुधवार को शीतलाष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा।

आज ही भगवान सूर्य कुंभ राशि को छोड़कर सुबह 8:20 पर देव गुरु बृहस्पति की साधारण राशि मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे और यहां से खरमास आरंभ हो जाएगा। जैसा कि हम सब जानते हैं खरमास में विवाह आदि सारे शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। आज से ही वसंत ऋतु आरंभ हो जाएगा। 18 मार्च शनिवार को पापमोचनी एकादशी का व्रत होगा। जो गृहस्थ और वैष्णवो के लिए सर्वमान्य होगा।

19 मार्च रविवार को प्रदोष व्रत होगा।

20 मार्च सोमवार को मासिक महाशिवरात्रि का व्रत होगा। आज के दिन काम महोत्सव भी मनाया जाता है।

21 मार्च मंगलवार को चैत्र अमावस्या होगा। मंगलवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण इसे भोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। आज स्नान दान श्राद्ध की अमावस्या है।

22 मार्च बुधवार से हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2080 आरंभ होगा। इस संवत्सर को "नल" के नाम से जाना जाएगा और पूरे वर्ष पूजा-पाठ, व्रत त्यौहार में संकल्प में नल नामक संवत्सर का संकल्प किया जाएगा। आज से ही वासंती नवरात्र आरंभ हो जाएगा। 9 दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि में मां जगदंबा के नौ रूपों में धूमधाम से पूजा अर्चना की जाएगी। हिंदू नव वर्ष 2080 बुधवार के दिन से आरंभ होने के कारण इस वर्ष के राजा बुध होंगे और मंत्री शुक्र होंगे। बुध और शुक्र दोनों शुभ ग्रहों के राजा और मंत्री होने के कारण यह वर्ष पूरे विश्व के लिए सुख संपत्ति और शांति प्रदान करने वाला होगा। मनुष्य सहित सभी प्राणियों को जीवन में खूब प्रसन्नता और उन्नति प्राप्त होगी।

23 मार्च गुरुवार को चंद्र दर्शन होगा। सिंधी समाज में आज के दिन भगवान झूलेलाल का जन्म उत्सव मनाया जाएगा।

24 मार्च शुक्रवार को गौरी पूजा होगी। इसे गणगौर के नाम से भी जाना जाता है। बिहार और झारखंड प्रांत में सरहुल का त्यौहार आज के दिन मनाया जाएगा। आज के दिन ही भगवान श्री हरि विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। जिसे आज दोपहर के समय मनाया जाएगा।

25 मार्च शनिवार को विनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा। 27 मार्च सोमवार को बिहार झारखंड में चैती छठ का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा।

29 मार्च बुधवार को महा अष्टमी का व्रत होगा।

30 मार्च गुरुवार को महानवमी का व्रत होगा। आज के दिन दोपहर में कर्क लग्न में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव श्री राम नवमी के रूप में पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाएगा। प्रत्येक हनुमान मंदिर में केसरिया ध्वज लहरा कर बड़े धूमधाम से श्री रामनवमी का उत्सव मनाया जाएगा।

31 मार्च शुक्रवार को नवरात्रि व्रत का पारण प्रातः काल किया जाएगा।
विशेष टिप्पणी: 5 मार्च को दिन के सुबह के 8:37 पर भगवान सूर्य पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसके कारण सोना, चांदी, गेहूं, चना, उड़द, रेशम, पीपला मूल के भाव में तेजी आएगी। फाल्गुन शुक्ल पक्ष में तीन मंगलवार होने के कारण देश विदेश में कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। विशेष रुप से अग्निकांड होने की प्रबल संभावना बन रही है।
18 मार्च शनिवार को दिन के 4:33 पर भगवान सूर्य उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिससे रस पदार्थ धान्य, तेल आदि के मूल्यों में तेजी का झटका आएगा। 31 मार्च शुक्रवार को रात 3:13 पर भगवान सूर्य रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसके फलस्वरूप जल से उत्पन्न होने वाले पदार्थ मोती रत्न, फल, फूल, नमक, सुगंधित पदार्थ को क्षति पहुंचेगी। सरकार के किसी निर्णय से व्यापारियों को पीड़ा पहुंचेगी। 16 दिन के इस शुक्ल पक्ष के तीन बुधवार सामान्य रूप से शुभ फलदायक है। घी, गुड आदि रस पदार्थों में तेजी आएगी। चांदी में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा। 28 मार्च के आसपास मौसम करवट लेगा। बूंदाबांदी, वर्षा, आंधी पानी के योग बन रहे हैं।
इति शुभमस्तु!! नमः शिवाय।!
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