मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में बांका जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में बांका जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

पटना, 06 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में बांका जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। चंद्रशेखर सिंह नगर भवन में आयोजित संवाद कार्यक्रम में 300 से अधिक संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 6 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार के जीवन स्तर में हो रहे बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
जीविका दीदी श्रीमती शंकुतला कुमारी ने बताया कि हम पहले साधारण जीवन जी रहे थे। मेरे पति दिल्ली में काम करते थे। उससे हमारा परिवार चलता था। जीविका समूह से जुड़ने के बाद हमारी आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया। कोरोना के दौरान लॉकडाउन में मेरे पति का काम छूट गया और वे घर चले आए। हमने समूह से एक लाख रुपये का कर्ज लेकर एक टोटो गाड़ी निकाली जो मेरे पति चलाने लगे। इससे 400 से 500 रुपये तक प्रतिदिन आमदनी होने लगी। जीविका समूह से जुड़कर स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता के संबंध में हमने प्रशिक्षण लिया और अपनी पंचायत में महिलाओं के बीच में इसका प्रचार-प्रसार किया, जिससे उन्हें काफी फायदा हो रहा है। समाज में कुपोषण घट रहा है। हम नीतीश भईया को धन्यवाद देते हैं कि आपके कारण महिलाओं में काफी जागृति आई है और सभी तरक्की कर रही हैं, मेरा परिवार खुशहाल है।
जीविका दीदी श्रीमती निर्मला देवी ने बताया कि मेरे पति की मृत्यु हो गई थी जिससे मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई। समूह से जुड़ने के बाद 10 हजार रुपये कर्ज लेकर हमने एक किराने की दुकान खोली। दुकान चलने लगा, जिससे हमें काफी फायदा होने लगा। वर्ष 2019 में मुझे सरस मेले में स्टॉल लगाने की अनुमति मिली। बांका का प्रसिद्ध चूड़ा और कतरनी चावल को लोगों ने काफी पसंद किया और 1 लाख 75 हजार रुपये की बिक्री हुई। इसके बाद हमने एक गाय खरीदी और दूध बेचने लगे, इससे हमारी अच्छी आमदनी होने लगी। नीतीश भईया के राज में हमको राशन मिल रहा है, पेंशन मिल रहा है और सारी सुविधाएं मिल रही हैं। पहले हम झोपड़ी में रहते थे, अब पक्के घर में रह रहे हैं। हम बेटी को पढ़ा रहे हैं, उसे पढ़ाकर और आगे बढ़ाएंगे। हम नीतीश भईया को कोटि-कोटि धन्यवाद देते हैं।
जीविका दीदी श्रीमती रागेश्वरी देवी ने बताया कि वर्ष 2015 में हम जीविका समूह से जुड़े और 5000 रुपये ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीदी। मेरे पति बाहर काम करते थे, लॉकडाउन में वे घर आ गए। इस दौरान हमने मास्क बनाने का काम शुरू किया जिससे 10 से 12 हजार रुपये की आमदनी हुई। हम ग्राहक सेवा केंद्र भी चला रहे हैं। हमारी अब अच्छी आमदनी हो रही है। जीविका से जुड़ने से पहले बैंक जाने के लिए सोचना पड़ता था लेकिन नीतीश भईया को धन्यवाद देते हैं कि हम अब अपना ग्राहक सेवा केंद्र खोल लिए जिससे अन्य महिलाओं को बैंक संबंधित कार्य में हम उनकी मदद कर रहे हैं। हमारे बच्चे अच्छे ढंग से पढ़ रहे हैं। हमारा परिवार अब अच्छे से जीवन यापन कर रहा है।
जीविका दीदी श्रीमती रीना देवी ने बताया कि मेरे पति शराब पीते थे और बेरोजगार थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जीविका से जुड़ने के बाद हमें काफी फायदा हुआ। मुख्यमंत्री भईया ने शराबबंदी लागू की, इससे हम सभी जीविका दीदियां बहुत खुश हैं। हमने अपने पति को शराब नहीं पीने के लिए समझाया, शराब की लत छूटी। हमने जीविका समूह से एक लाख रुपये का कर्ज लिया और अनाज की खरीद-बिक्री का काम करने लगी। हमें इससे अच्छा फायदा हो रहा है। अब हम 2 लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश भईया को बहुत धन्यवाद देते हैं और उनकी लंबी आयु के लिए कामना करते हैं।
जीविका दीदी श्रीमती अफसाना खातून ने बताया कि मेरी जहां शादी हुई, वहां की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी। जीविका से जुड़ी तो मेरे सास-ससुर ने मुझे बाहर आने-जाने की अनुमति दे दी। हमने 50 हजार रुपये का ऋण लिया और कपड़े की दुकान खोली। इससे हमारी बहुत अच्छी आमदनी हो रही है। हमारे गांव की एक जीविका दीदी अपने बेटी की 16 वर्ष की उम्र में ही शादी कर रही थी, उसे हमने काफी समझाया-बुझाया तो वो मान गई और कहा कि बेटी की शादी 18 वर्ष की उम्र हो जाने के बाद करेंगे। बाल विवाह नहीं करने के लिए हम लोगों को समझाते हैं और उन्हें बताते हैं कि कम उम्र में लड़कियों की शादी नहीं करनी चाहिए। नीतीश भईया को धन्यवाद देते हैं कि उनके चलते हम सभी परिवार ठीक ढंग से जीवन यापन कर रहे हैं।
जीविका दीदी श्रीमती शांति शरण ने बताया कि हम दूसरे के खेत में मजदूरी करते थे और उससे परिवार चलता था। समूह से जुड़ने के बाद 10 हजार रुपये कर्ज लिया और आम का कलम बनाने लगी और उसे बेचने लगी, इससे अच्छा फायदा होने लगा। इसके बाद डेयरी खोली और मधुमक्खी पालन करने लगी। मशरूम की खेती भी कर रही हूं। इससे हमारी अच्छी कमाई हो रही है। बेटा-बेटी को भी पढ़ा रहे हैं। हमने बेटी की दहेज मुक्त शादी की है और हमने कहा कि बेटे की भी दहेज मुक्त शादी करेंगे। हमने जीविका दीदियों से कहा है कि नीतीश भईया ने कहा कि दहेज न लेना है और न देना है, इसका हमलोग पालन करेंगे। नीतीश भईया को धन्यवाद देते हैं कि सभी जीविका दीदियां आगे बढ़ रही हैं।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बातें सुनने का मौका मिला है। आज यहां जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा किये हंै। आपकी बात सुनकर मुझे मन में काफी खुशी हो रही है, इसके लिये मैं आप सभी को बधाई देता हूं। 24 नवंबर, 2005 को जब मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। उसके पहले जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था। देशभर में स्वयं सहायता समूह थे। बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नामकरण ‘जीविका‘ किया तब से आप सभी जीविका दीदियां कहलाने लगीं। उस समय की केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था और इसकी काफी तारीफ की थी। उन्होंने पूरे देश में इसका नामकरण ‘आजीविका’ किया यानी बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। इसे भूलियेगा मत। आप जीविका दीदियों की संख्या बहुत बढ़ी है यह देखकर मुझे खुशी होती है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, खाना बनाती थीं, परिवार की सेवा करती थीं और खेती-बाड़ी का भी काम करती थीं, अब पुरुष के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज भी आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। आप सभी जीविका दीदियां बेहतर काम कर रही हैं। आप दूसरे राज्यों में जाकर प्रशिक्षण भी दे रही हैं। बिहार की जीविका दीदियों के कामों की प्रशंसा सभी जगह हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। आप से जो संवाद हो रहा है उससे अन्य कई बातों की जानकारी मुझे मिल रही है और भ्रमण के दौरान जीविका दीदियां और लोग भी अपनी समस्याएं बताते हैं जिसका समाधान किया जाता है। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब काफी अच्छे ढंग से अपनी बातें रख रही हैं और जहां भी जाती हैं अपनी उपस्थिति बेहतर ढंग से रखती हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार के साथ ही समाज भी आगे बढ़ रहा है और बिहार भी आगे बढ़ रहा है। हम आपके हित में काम करते रहे हैं। पुरुष और महिला मिलकर जब काम करेंगे तो समाज का और अधिक विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान लिए काफी काम किया है। बिहार में सबसे पहले वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई। वर्ष 1993 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा की एक संयुक्त कमिटी बनी थी, उस समय हम सांसद थे और इस कमिटी के सदस्य भी थे। केंद्र ने महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का नियम बनाया। अब काफी संख्या में साधारण परिवारों की महिलायें चुनाव जीतकर आ रही हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। हर तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। पहले परिवार की गरीबी के कारण पोशाक के अभाव में लड़कियां पढ़ नही पाती थीं। हमलोगों ने बच्चियों को पढ़ाने एवं आगे बढाने के लिए पोशाक योजना एवं साइकिल योजना शुरू की। उसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां विद्यालय जाने लगीं। विद्यालय से आने के बाद लड़कियां अब साइकिल पर बैठाकर अपने माता-पिता को जरूरी काम के सिलसिले में बाहर ले जाती हैं। यह दृष्य देखकर अच्छा लगता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करें। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। इसके लिये कानून भी बना हुआ है। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। आपलोग समाज सुधार अभियान लगातार चलाते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और इसे घर-घर पहुंचाया गया है। आप सभी खुद भी पढ़ें और दूसरे लोगों को भी पढ़ायें। शराबबंदी लागू होने के बाद एक महिला ने बताया था कि मेरे पति पहले शराब पीते थे, झगड़ा करते थे और बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते थे, वहीं शराबबंदी लागू होने के बाद अब घर का माहौल ठीक हो गया है, बच्चे ठीक से पढ़ते हैं और मेरे पति अब सब्जी लेकर घर आते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बापू लोगों को समझाया करते थे कि शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। आज कल लोग पुरानी बातों को खत्म करने के चक्कर में लगे रहते हैं। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। बुकलेट में छपी बातों को नई पीढ़ी के अधिक से अधिक लोगों को बताएं। गड़बड़ करने वाले लोगों को समझाएं। आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होने वाले नुकसान के संबंध में अध्ययन कराकर वर्ष 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उनमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। कुछ लोग झगड़ा लगाने का काम करते हैं। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज, परिवार और देश आगे बढ़ेगा। गड़बड़ करने वालों के प्रति सचेत रहें। शराबबंदी के प्रति लोगों को निरंतर प्रेरित करें। अपने कामों के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाते रहें। आप सभी जीविका दीदियां बच्चों को ठीक ढंग से पढ़ाएं और स्कूलों की निगरानी करते रहें। शिक्षक अगर स्कूल में ठीक ढंग से नहीं पढ़ाएं तो इसकी सूचना जिलाधिकारी को दें, जिलाधिकारी इस पर कार्रवाई करेंगे। दीदी की रसोई और सतरंगी चादरों का निर्माण भी जीविका दीदी द्वारा कराया जा रहा है। आपलोग अपना काम ठीक ढंग से करते रहिए। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आपकी और तरक्की हो। आपका काम और बढ़े। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से जो भी संभव होगा, और मदद की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने 4,054 स्वयं सहायता समूहों को 53 करोड़ 75 लाख 31 हजार रूपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया।
संवाद कार्यक्रम में वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, आपदा प्रबंधन मंत्री सह बांका जिले के प्रभारी मंत्री श्री शाहनवाज, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, लघु जल संसाधन मंत्री श्री जयंत राज, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, सांसद श्री गिरधारी यादव, विधायक श्री भूदेव चैधरी, विधायक श्री मनोज कुमार यादव, विधान पार्षद श्री विजय कुमार सिंह, पूर्व विधायक श्री मनीष कुमार, विकास आयुक्त श्री विवेक कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री आर0एस0 भट्टी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री बालामुरुगन डी0, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, भागलुपर प्रमंडल के आयुक्त श्री दयानिधान पांडेय, भागलपुर प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री विवेकानंद, बांका के जिलाधिकारी श्री अंशुल कुमार, बांका के पुलिस अधीक्षक श्री सत्यप्रकाश सहित अन्य जीविका दीदियां भी उपस्थित थीं।



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