नववर्ष की शुभकामनाएँ

नववर्ष की शुभकामनाएँ

अगर हमने नहीं बोली, तो कोई क्या कहेगा,
कोई पिछड़ा- अहंकारी, कट्टर हिन्दू कहेगा।
कह रहे हमको, सभी का सम्मान करना चाहिए,
साथ सबको लेकर चलना, बस हिन्दू ही कहेगा।


छोटी छोटी बात पर उत्सव मनाना सीखिए,
अपने पर्व धर्म पर भी उत्सव मनाना सीखिए।
पड़ोस की आंटी को मम्मी कह रहे, अच्छा लगा,
अपनी माँ को माँ कह, उत्सव मनाना सीखिए।


नग्न होती सभ्यता, शराब और मॉंस का चलन,
रात भर सड़कों पर घूमें, अर्द्ध रात्रि को नमन।
शामिल हैं अन्धी दौड़ में, बुढे बच्चे युवा सभी,
सत्य को जाने बिना, पाश्चात्य सभ्यता को गमन।

अ कीर्ति वर्द्धन
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