पीते-पीते कभी-कभी यूं जाम...

पीते-पीते कभी-कभी यूं जाम...

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

समय-समय की बात है। आज हमें जो अच्छा लगता है, वही कल बेहद खराब भी महसूस हो सकता है। पश्चिम बंगाल के युवा नेता शुभेन्दु अधिकारी कभी तृणमूल कांग्रेस के प्रभावशाली नेता हुआ करते थे। कांग्रेस छोड़ कर नयी पार्टी बनाने वाली ममता बनर्जी के वे दाहिने हाथ थे लेकिन समय ने करवट ली और शुभेन्दु अधिकारी भाजपा में शामिल हो गये। राजनीति में उनका प्रभाव तो अब भी है। उन्होंने ममता बनर्जी को नंदीग्राम विधान सभा चुनाव में पराजित कर दिया था। हालांकि सरकार ममता बनर्जी ने ही बनायी है और शुभेन्दु अधिकारी नेता प्रतिपक्ष हैं। पिछले दिनों शुभेन्दु केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले और अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी बताया। ममता बनर्जी सरकार के कारनामों की पुस्तिका बनाकर गृहमंत्री अमितशाह और राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को सौपी है। उपराष्ट्रपति धनखड़ इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हुआ करते थे। रवीन्द्र भारती विश्व विद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले शुभेन्दु अधिकारी कभी तृणमूल कांग्रेस का गुणगान किया करते थे।

पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शुभेंदु अधिकारी की पीएम मोदी और अमित शाह से अलग-अलग 30-30 मिनट तक बात हुई। हालांकि, पीएम मोदी और अमित शाह के साथ क्या बातचीत हुई, अधिकारी ने मीडिया को इसकी कोई जानकारी नहीं दी है। बातचीत में शुभेंदु अधिकारी ने बताया, मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं। अपने नेता का दर्शन हुआ... मुलाकात हुई। सब बात मीडिया के सामने तो नहीं बोली जा सकती। नेता प्रतिपक्ष होने के नेता मेरी जो संवैधानिक जिम्मेदारी है, वह जिम्मेदारी पूरा करने के लिए ममता बनर्जी की पुलिस मुझे रोक रही है। बागोड़ा में किसान ने आत्महत्या की, मैंने किसान के घर जा रहा था, लेकिन पुलिस ने उनके घर जाने के लिए रोक दिया। मैं जाता हूं हर जगह मुझे रोक दिया जाता है। अधिकारी ने कहा, मेरे खिलाफ डेढ़ साल से लगातार मुकदमे हो रहे हैं। बीजेपी कर्मी को टारगेट किया जा रहा है। मुझे टारगेट करके मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। मैं पार्टी आलाकमान को पूरी डिटेल बता चुका हूं। शुभेंदु अधिकारी ने कहा, मैं साफ-सुथरा आदमी था। मेरे खिलाफ पहले कोई मामला नहीं था। अब देखिए मेरे खिलाफ कितने मामले दर्ज हैं। यहां तक कि ट्रैफिक नियम तोड़ने का मामला भी दर्ज हो गया. जबकि मैं 13 हजार रुपये बतौर जुर्माना जमा कर चुका हूं।

ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए अधिकारी ने कहा, बंगाल में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। बस घटिया राजनीति हो रही है। ऐसा किसी दूसरे प्रदेश में नहीं होता। ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी मिलकर दूषित राजनीति कर रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राज्य में हिंसा को लेकर बुकलेट दिया है। इस बुकलेट का नाम 1956 है। उन्होंने नंदीग्राम में इस मत से ममता बनर्जी को हराया है। उन्होंने कहा कि उनका दिल्ली दौरा बहुत ही सफल रहा है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री का भी आशीर्वाद मिला है। यह उनके लिए बहुत ही खुशी की बात है।

बंगाल में ममता सरकार के खिलाफ लड़ाई को तेज करते हुए बीजेपी ने कोलकाता में हाजरा चैराहे पर गतिदिनों को एक रैली की। तृणमूल कांग्रेस सरकार की प्रमुख योजना दुआरे सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन को दुआरे प्रतिवाद नाम दिया था। गौरतलब है कि बीजेपी की तरफ से प्रदर्शन के लिए हाजरा चैराहे को चुना गया था जो कि भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विधानसभा सीट है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट आवास से भी यह ज्यादा दूर नहीं है साथ ही यह अभिषेक बनर्जी के घर के भी करीब है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं का अमित शाह के साथ एक बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी बीजेपी की रैली के बाद दिल्ली गये।

शुभेन्दु अधिकारी ने नन्दीग्राम से विधानसभा चुनाव जीतकर ममता बनर्जी को हराया। 27 नवम्बर 2020 को शुभेन्दु अधिकारी ने राज्य मन्त्रिपरिषद से त्याग पत्र दिया था और इसके बाद 16 दिसम्बर को उन्होने विधानसभा से भी त्याग पत्र दे दिया। बाद में 17 दिसम्बर को उन्होने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर तृणमूल की समस्त सदस्यता छोड़ दी। 2 मई 2021 की विधानसभा नन्दीग्राम से भारतीय जनता पार्टी से विजय हासिल की लेकिन ममता बनर्जी ने इस नतीजे को कलकत्ता उच्च न्यायालय मे चुनौती दी थी। 2014 के चुनावों में इन्होंने पश्चिम बंगाल की तामलुक सीट से सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाग लिया था और 2016 में वह नंदीग्राम से पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए थे। पश्चिम बंगाल सरकार में परिवहन मंत्री बने। 2016 में उन्हें कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय और सलाहकार समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय पर स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने 28 मई 2016 को लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। 2009 में तमलुक से लोकसभा में चुना गया था। इसके बाद में उन्हें उद्योग के स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। शुभेन्दु अधिकारी को कंथी दक्षिणी से पश्चिम बंगाल विधान सभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था। शुभेन्दु अधिकारी को सीपीएम सरकार के खिलाफ नंदीग्राम आंदोलन के दौरान तृणमूल की स्थिति को मजबूत करने के लिए श्रेय दिया जाता है। वह सीपीएम के मजबूत लक्ष्मण सेठ को पराजित करने में कामयाब रहे, जो काफी प्रसिद्ध थे। पूर्व में वे अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के हिस्से के रूप में ही जाने जाते थे। शुभेन्दु अधिकारी राजनीतिज्ञ शिशिर अधिकारी के पुत्र हैं, जो यूपीए में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे। उन्होंने रबींद्र भारती विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की, कोंटाई कॉलेज से अपनी स्नातक शिक्षा पूरी की।
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