वाराणसी में हिन्‍दू राष्‍ट्र जागृति आंदोलन में हिन्‍दुओं की संतप्‍त मांग !

वाराणसी में हिन्‍दू राष्‍ट्र जागृति आंदोलन में हिन्‍दुओं की संतप्‍त मांग !

  • हिन्‍दुओं के लिए अन्‍यायकारी एवं संविधानद्रोही ‘प्‍लेसेस ऑफ वर्शिप एक्‍ट’ तत्‍काल रहित किया जाए !
वाराणसी - काशी, मथुरा, भोजशाला आदि हजारों धार्मिक स्‍थलों के विषय में हिन्‍दुओं की न्‍यायपूर्ण मांग दबाने के लिए ‘प्‍लेसेस ऑफ वर्शिप एक्‍ट 1991’ बनाया गया; जबकि दूसरी ओर ‘वक्‍फ बोडर्र्’को कोई भी संंपत्ति ‘वक्‍फ संपत्ति’के रूप में घोषित करने का अधिकार दिया गया है । संविधान द्वारा सभी भारतियों को यह अधिकार है कि वे अपनी मांगों के लिए न्यायालय में जा सकते हैं; किंतु ‘प्‍लेसेस ऑफ वर्शिप एक्‍ट 1991’ कानून के कारण वर्ष 1947 से पूर्व हिन्‍दू मंदिरों पर किसी ने अतिक्रमण किया होगा, तो उसके लिए कोई भी परिवाद न्‍यायालय में नहीं किया जा सकता । इस कारण यह कानून संविधान का उल्लंघन करता है । हिन्‍दुओं के लिए अन्‍यायकारी एवं संविधानद्रोही इस कानून को त्‍वरित निरस्‍त किया जाए तथा ‘लव जिहाद विरोधी अधिनियम’ पूरे भारत में शीघ्रातीशीघ्र लागू किया जाए, इन मांगों के लिए यहां के शास्‍त्री घाट, वरूणा पुल पर हिन्‍दू राष्‍ट्र जागृति आंदोलन किया गया ।
इस समय भारत सेवाश्रम संघ के स्‍वामी ब्रह्मयानंदजी, काशी विश्‍वनाथ मंदिर की मुक्‍ति के लिए गत 32 वर्ष से संघर्ष कर रहे प्रखर हिन्‍दुत्‍वनिष्ठ डॉ. सोहनलाल आर्य, पंचचक्र हनुमान चालीसा के संस्‍थापक श्री. राजकुमार पटेल, हिन्‍दू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश उपाध्‍यक्ष श्री. मनीष पांडे, काली महल के श्री. आशुतोष पांडेय, हिन्‍दू महासभा के श्री. शुभम पांडेय, शृंगार गौरी की याचिका कर्ता श्रीमती सीता साहू, हिन्‍दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्‍य समन्‍वयक श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी, श्री. राजन केशरी तथा सनातन संस्‍था की श्रीमती प्राची जुवेकर तथा अन्‍य मान्‍यवर एवं हिन्‍दू संगठन के प्रतिनिधि उपस्‍थित थे ।

‘लव जिहाद’ के विरूद्ध राष्ट्रीय स्‍तर पर सख्‍त कानून बनाया जाए
तथा गृह मंत्रालय इसकी जांच के लिए एक स्‍वतंत्र दल नियुक्‍त करे !

झूठे नाम और पहचान बताकर हिन्‍दू लड़कियों को धोखे से प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्मपरिवर्तन करने, तथा मना करने पर उनकी हत्‍या करने जैसी घटनाएं अब नियमित हो गई हैं । मदरसों अथवा मस्‍जिदों के द्वारा बहुत बार मुस्‍लिम युवकों को ‘लव जिहाद’ के लिए प्रोत्‍साहन दिया जाता ऐसे सामने आया है । इस समय मांग की गई कि लव जिहाद’ के लिए विदेशों से मिल रही आर्थिक सहायता, युवतियों की तस्‍करी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए उनका उपयोग करना; इसकी जांच कर इसके दोषियों के विरुद्ध सख्‍त कार्रवाई की जाए । साथ ही लव जिहाद की घटनाओं में संलिप्‍त पाए जाने पर मदरसों और मस्‍जिदों पर तत्‍काल प्रतिबंध लगाया जाए ।
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