आओ दीप जलाएं
एक दीपक तुम जलाओ ,
एक दीपक हम जलायें
इस अखंडित देश को
दो खंड होने से बचाएं
चीन की सीमा हो चाहे, सरहदें हों पाक की
कारगिल की चोटियाँ या घाटी हो गलवान की
अब हिमालय की तरह
प्रहरी बने हम हर दिशाएँ
एक दीपक तुम जलाओ,
एक दीपक हम जलायें
भीष्म सी मेरी प्रतिज्ञा भीम सा बल है हमारा
कृष्ण सी है राजनीति जानता है विश्व सारा
पूर्वजों की यश-पताका सर्वदा आगे बढ़ाएं
एक दीपक तुम जलाओ
एक दीपक हम जलायें
आज भी गंगा हमारे देश यमुना बह रही है
परम भूमि पवित्र सुरसरि,
पावनी लहरा रही है
ज्ञान- मोक्ष महान-मुक्ति
प्रदायनी हम नित नहायें
एक दीपक तुम जलाओ
एक दीपक हम जलायें
आस एक प्रकाश लेकिन, प्यास ये बुझती नहीं
गीत की ध्वनि अनमने, अविराम गति रुकती नहीं
देवता देवी उतर कर, स्वर्ग से इस लोक आयें
एक तुम जलाओ एक
दीपक हम चलाएं
-- वेद प्रकाश
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