साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष ने ओमान के राजदूत से की भेंट, ओमान हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना के लिए किया आग्रह, अपनी चार पुस्तकें भेंट की|

साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष ने ओमान के राजदूत से की भेंट, ओमान हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना के लिए किया आग्रह, अपनी चार पुस्तकें भेंट की|


मस्कट, ३० दिसम्बर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने गुरुवार की संध्या , भारतीय दूतावास में जाकर, ओमान में भारत के राजदूत अमित नारंग से भेंट की तथा अपनी चार पुस्तकें “हिन्दी के प्रणम्य पुरुष”, गीत-संग्रह “मैं मरुथल सा चिर प्यासा”, कहानी संग्रह “प्रियंवदा” तथा यात्रा-वृतांत की अपनी पहली पुस्तक “प्रथम-पग” श्री नारंग को भेंट की।
डा सुलभ ने उन्हें बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के १०४ वर्ष के गौरवशाली इतिहास का परिचय दिया तथा उनसे ओमान में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना कराने का आग्रह किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच मधुर संबंध स्थापित करने और उसे विकसित करने हेतु सांस्कृतिक-साहित्यिक आदान-प्रदान के बिंदुओं पर भी चर्चा की।
वार्ता में भारतीय राजदूत ने बताया कि ओमान के लोग अच्छे और भारत के प्रति सम्मान का भाव रखने वाले हैं। यहाँ दूतावास की ओर से हिन्दी समेत भारतीय भाषाओं के प्रचार और विकास के अनेकों कार्यक्रम चलाए जाते हैं। हिन्दी-उत्सव मनाए जाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं । ओमान सरकार की और से भारतीय समाज की एक संस्था स्वीकृत और पंजीकृत है। उन्होंने कहा कि वे इस संस्था के अधिकारियों से बात कर हिन्दी साहित्य सम्मेलन के विषय में चर्चा करेंगे !राजदूत के साथ बैठक में दूतावास के दितीय सचिव और कवि परमानन्द सिन्हा, राजनीति और संचार के प्रभारी द्वितीय सचिव जयपाल माणिक देथे उपस्थित थे। डा सुलभ के साथ उनकी पत्नी किरण झा, पुत्र अहसास मणिकान्त, दोनों पौत्र उत्तर उत्तरायण और कीर्त्यादित्य भेंट में सम्मिलित थे।
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