मलेशिया में नया राजनीतिक संकट
यूनाइटेड मलयज नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (यूएमएनओ) की अगुवाई वाले गठबंधन ने बहुत खराब प्रदर्शन किया है और उसे महज 30 सीट ही मिली हैं। इस गठबंधन ने ब्रिटेन से आजादी मिलने से लेकर 2018 तक मलेशिया पर शासन किया। चुनाव में हार का सामना करने वाले लोगों में दो बार के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद (97) भी शामिल हैं जो एक अलग मलय आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। मलेशिया की 3.3 करोड़ आबादी के दो तिहाई ग्रामीण मलय लोगों को डर है कि अधिक बहुलता के साथ वे अपने अधिकारों को खो सकते हैं। इनमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक जातीय चीनी और भारतीय लोग शामिल हैं। इसके साथ ही यूएमएनओ के भ्रष्टाचार ने मुहिद्दीन के गठबंधन को फायदा पहुंचाया। इसकी सहयागी पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी या पीएएस अहम विजेता बनकर उभरी है। इस चुनाव के नतीजों से खरीद-फरोख्त का दौर शुरू हो सकता है क्योंकि सरकार बनाने के लिए मुहिद्दीन और अनवर दोनों के बीच खींचतान चल सकती है। उन्हें बोर्नियो द्वीप के दो गठबंधनों के समर्थन की आवश्यकता पड़ेगी जिनके पास संयुक्त रूप से 28 सीट हैं। अनवर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने बहुमत हासिल करने के लिए सांसदों से लिखित में समर्थन हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि इसे देश के राजा को सौंपा जाएगा जो अंतिम फैसला लेंगे।
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