500 वर्ष पुराने श्री भैरव नाथ मंदिर के अस्तित्व पर खतरा

500 वर्ष पुराने श्री भैरव नाथ मंदिर के अस्तित्व पर खतरा

पटना जिला पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने बयान जारीकर कर कहा कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के आदेश का स्थानीय प्रशासन कीअवहेलना के कारण सिटी स्थित 500 वर्ष पुराने श्री भैरव नाथ मंदिर के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है।


उन्होंंने बताया कि ऐतिहासिक शहर पटना सिटी स्थित करीब 500 वर्ष पुराने और एकमात्र श्री भैरव नाथ मंदिर चौक, पटना सिटी- जोकि वार्ड संख्या 26/32/51/66 में है, के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस प्राचीन मंदिर में भैरव बाबा, जिन्हें लोग बटुक भैरव के नाम से भी जानते हैं की मूर्ति इस मंदिर में स्थापित है।


मंदिर की व्यवस्था सेवायतों के द्वारा होती आ रही थी। पूर्व के सेवायतों की मृत्यु के बाद एक पुजारी की देखभाल में स्थानीय नागरिकों के सहयोग से मंदिर की देखरेख की जा रही है। कोई भी शुभ कार्य करने के पूर्व स्थानीय निवासी 'शहर रक्षक' भैरव बाबा को निमंत्रण देने जरूर आते हैं। लोग शादी ब्याह व बच्चे के जन्म के बाद जरूर मत्था टेकने आते हैं। सरकारी खेसरा खतियान में भी यह मंदिर 513 सीट नंबर 242 में दर्ज है।


उल्लेखनीय है कि मंदिर के विकास व संरक्षण के लिए स्थानीय नागरिकों ने एक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को दिया था। इस ज्ञापन में सुरक्षा व संरक्षण के लिए मंदिर के निबंधन के साथ-साथ इसके प्रबंधन के लिये एक समिति का आग्रह किया गया था।


जन आवेदन पर संज्ञान लेते हुए धार्मिक न्यास पर्षद ने अनुमंडल पदाधिकारी ,पटना सिटी को पत्र संख्या 32/0 दिनांक 16/09/2021 में जांच कर आगे कारवाई हेतु रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था लेकिन आजतक कोई जांच नहीं हुई और न ही कोई पत्र का जबाव धार्मिक न्यास पर्षद को अनुमंडल कार्यालय ने दिया है।
मालूम हो कि मंदिर से सटे अपार्टमेंट सह माॅल का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है। यह निर्माण समाजसेवी मनोज कमलिया की हत्या उपरांत परिवार के पटना सिटी से पलायन के कारण बेचे गये भवन को तोड़कर कर किया जा रहा है। इस जमीन के खरीदगी और मंगल तालाब स्थित मनोज कमलिया स्टेडियम का नामकरण की कड़ी भी जांच का विषय बनती है। इस के निर्माण का संबंध राजनीतिक रसूखदारों से होने की वजह से स्थानीय प्रशासन कारवाई करने में शिथिलता बरतती है।
भविष्य में अपार्टमेंट सह माॅल के निर्माण की भव्यता में यहां मौजूद मंदिर आड़े आ सकता है। फलस्वरूप अपार्टमेंट सह माॅल के मालिकान इस मंदिर की मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं! इसी आशंका के मद्देनजर स्थानीय निवासी इस ऐतिहासिक मंदिर को बचाने के लिए गोलबंद होकर प्रयत्नशील है। प्रशासन व धार्मिक न्यास पर्षद के सहयोग नहीं मिलने पर मंदिर के अस्तित्व और संरक्षण के लिए स्थानीय नागरिक आन्दोलन भी कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि पिछले कुछ साल पहले दीरा, कालीस्थान स्थित कालीमंदिर से जया विजया के साथ काल भैरव की ऐतिहासिक मूर्ति चोरी हो गई थी जो आजतक बरामद नहीं हुई है।
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