मुझे मत मारो मेरे पापा


मुझे मत मारो मेरे पापा

मुझे मत मारो मेरे पापा,
नहीं करो निर्मम प्रहार,
मैं हूँ आपकी बेटी गर्भ में,
आ रही हूँ आपके घर-द्वार।
मुझे मत मारो मेरे...।


ले रही हूँ मैं आकार अपना,
देख रही हूँ सपने हजार,
छूना चाहती हूँ आसमान,
देखना चाहती हूँ संसार।
मुझे मत मारो मेरे...।


आने को हूँ बहुत आतुर मैं,
देखना चाहती हूँ अपना परिवार,
मैं हूँ माँ के गर्भ में लेटी,
देना चाहती हूँ खुशियाँ अपार।
मुझे मत मारो मेरे ...।


मैं हूँ आपके घर की लक्ष्मी,
लाऊँगी खुशियाँ बेशुमार,
बस आने दो मुझको घरा पर,
दिखाऊँगी अपना चमत्कार।
मुझे मत मारो मेरे...।


करूँगी मैं कर्तव्य अपना ,
मांगूंगी नहीं कोई अधिकार,
देना शिक्षा,संस्कार,सद्विचार मुझे,
और देना अपना निर्मल प्यार।
मुझे मत मारो मेरे...।
--------0------- अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना(बिहार)-800027
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ