गुजरात में भाजपा की गौरव यात्रा

गुजरात में भाजपा की गौरव यात्रा

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
गुजरात में दो दशक से कब्जा जमाए भाजपा को 2017 में झटका लगा था। उस समय कांग्रेस ने हार्दिक पटेल और जिग्नेष जैसे युवाओं को अपने साथ जोड़कर भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश की थी। मणिशंकर अय्यर और दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के कटु-बोल ने राजनीति का खेल बिगाड़ दिया था। राज्य में आदिवासी बहुल क्षेत्र में कांग्रेस का प्रभाव है, इसीलिए भाजपा ने आदिवासी समुदाय को भाजपा से जोड़ने का विशेष प्रयास किया है। हालांकि इस बार अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) भी चुनाव मैदान में मजबूती से डटी है। पंजाब में कांग्रेस से सत्ता छीनने के बाद उसके हौसले बुलंद हैं। मुफ्त बिजली-पानी का फार्मूला गुजरात में भी असर दिखा सकता है। इसलिए भाजपा ने कांग्रेस को तो मुख्य रूप से निशाने पर रखा है, साथ ही आप पर भी कूटनीतिक प्रहार हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने गौरव यात्राएं निकालनी शुरू कर दीं जिनमें केन्द्र सरकार की नीतियों का विशेष रूप से बखान किया जाएगा। ये गौरव यात्राएं उन क्षेत्रों में निकल रही हैं जो कांग्रेस के गढ़ माने जाते हैं।
गुजरात में बनासकांठा, अंबाजी, पंचमहल, छोटा उदयपुर, नर्मदा, भरुच जिले आदिवासी बहुल हैं, इस क्षेत्र की बात करें तो यहां पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ रही है। 2017 चुनाव में भी 50 फीसदी से ज्यादा वोट कांग्रेस को मिला था। चुनाव की रणभेरी बजने में अब कुछ ही समय शेष है। पीएम मोदी खुद रैलियां और रोड शो करके मतदाताओं के बीच यह संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं कि गुजरात को लेकर उनका लगाव आज भी वैसा ही है, जैसा तब था जब वे यहां मुख्यमंत्री थे। रैलियों में उनके संबोधन में भी यह दिखाई दे रहा है, पीएम का फोकस खासकर उन इलाकों पर है, जो जीत हार का गणित बिगाड़ सकते हैं, इनमें से कुछ जिले ऐसे भी हैं जो विकास से अछूते रह गए थे। आदिवासी बहुल भरूच जिले में पीएम की रैली के यही मायने थे इस रैली से पीएम ने क्षेत्र को 82 सौ करोड़ की योजनाओं की सौगात देकर सरकार का विकास मॉडल पेश किया।
गुजरात में आदिवासी आबादी तकरीबन 15 फीसद है, जो किसी भी पार्टी की जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, दरअसल गुजरात में ऐसी तकरीबन 100 से ज्यादा सीटें हैं जिन पर आदिवासी वोट बैंक का प्रभाव रहता है, इनमें 27 सीटें तो सीधे-सीधे एसटी के लिए ही आरक्षित हैं, इनको शामिल कर लें तो 30 सीटें ऐसी हैं जिन पर 30 फीसदी से ज्यादा एसटी वोट हैं, इसके अलावा 40 सीटें ऐसी हैं जिन पर 10 से 20 फीसद वोट एसटी का है। इसके अलावा तकरीबन 47 सीटें और हैं जिन पर कम से कम 10 फीसद वोट एसटी का है। गुजरात में बनासकांठा, अंबाजी, पंचमहल, छोटा उदयपुर, नर्मदा, भरुच जिले में कांग्रेस की मजबूत पकड़ रही है। 2017 चुनाव में भी 50 फीसदी से ज्यादा वोट कांग्रेस को मिला था। उस चुनाव में एसटी आरक्षित 27 सीटों में से कांग्रेस ने 14 पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को 9 पर ही जीत मिल सकी थी। इससे पहले 2012 में कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा पूरी तरह से आदिवासी वोट बैंक अपने पाले में खींचने की कोशिश कर रही है। इसी को देखते हुए गुजरात सरकार में चार आदिवासी नेताओं को मंत्री पद दिया गया था। इसके अलावा सरकार ने आदिवासी सम्मेलन पर विशेष जोर दिया था। इसके अलावा ठश्रच् ने आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद पर चुनाव जितवाकर एक और बड़ा दांव खेला गया है। माना जा रहा है कि इससे आदिवासियों का भाजपा के प्रति मन और बदलेगा।
भरूच जिले में आयोजित रैली में पीएम मोदी ने गुजरात में ट्राइबल पार्क की घोषणा की, इस तरह के चार पार्क बनाए जाने हैं, जो दाहोद जिले के चाकलिया, बनासकांठा जिले के अमीरगढ़, भरुच जिले के वालिया और छोटा उदयपुर के वनार क्षेत्र में स्थापित किए जाएंगे। इन ट्राइबल पार्क पर तकरीबन 128 करोड़ रुपये का खर्च जाएगा। ऐसा पहली बार होगा जब किसी राज्य में एक साथ चार ट्राइबल पार्क बनाए जाएंगे। इससे पहले सिर्फ झारखंड ही ऐसा राज्य है जहां ट्राइबल पार्क बनाया जा रहा है। ट्राइबल पार्क आदिवासी कल्चर को लोगों तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम होता है, इसमें आदिवासी जीवन के उत्थान, समाज की महान विभूतियों और उनका योगदान, आदिवासी कल्चर के बारे में बताया जाता है। इसमें आदिवासी समाज से जुड़े लोगों को व्यवसाय करने और आदिवासी कला को प्रदर्शित करने का मौका भी दिया जाता है। इसके अलावा उद्योगों के लिए आदिवासियों को बढ़ावा देने और उनकी आय बढ़ाने में भी ये कारगर सिद्ध हो सकते हैं।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने भरूच जिले में देश के पहले बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखने के बाद कहा था कि, “शहरी नक्सली नए रूप के साथ राज्य में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपनी वेशभूषा बदल ली है। वे हमारे निर्दोष और ऊर्जावान युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।” पीएम मोदी ने कहा, “अर्बन नक्सल ऊपर से पैर जमा रहे हैं। हम उन्हें अपनी युवा पीढ़ी को तबाह नहीं करने देंगे। हमें अपने बच्चों को उन ‘अर्बन नक्सलियों’ से सावधान करना चाहिए, जिन्होंने देश को तबाह करने का बीड़ा उठाया है। वे विदेशी शक्तियों के एजेंट हैं। गुजरात उनके खिलाफ सिर नहीं झुकाएगा, गुजरात उन्हें तबाह कर देगा।” पीएम मोदी ने हफ्तों पहले चुनावी राज्य में इसी तरह के आरोप लगाए थे। तब उन्होंने कहा था कि ‘शहरी नक्सलियों’ ने सरदार सरोवर बांध के निर्माण को रोक दिया था, पीएम मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि विकास विरोधी तत्वों ने एक अभियान चलाया था कि यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने जब 2014 में देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, उस समय देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें स्थान पर थी और अब यह 5वें स्थान पर पहुंच गई है। गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजकोट जिले के जमकंडोरना शहर में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को कांग्रेस से सतर्क रहने को कहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनके खिलाफ बोलना बंद कर दिया है और वह ग्रामीण मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए चुपचाप काम कर रही है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने हंगामा करने और मेरे खिलाफ अपशब्द कहने का ठेका दूसरों को दे दिया है। वे चुपचाप गांवों तक जा रहे हैं और लोगों को वोट देने के लिए कह रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 20 वर्ष में गुजरात के खिलाफ रहे लोगों ने राज्य को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने मेरे खिलाफ जो मन में आया, वह कहा और मुझे मौत का सौदागर तक बताया। उन्होंने लोगों से कांग्रेस नेताओं से यह पूछने के लिए कहा कि क्या वे भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में गुजरात में निर्मित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गए। आणंद जिले के वल्लभ विद्यानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपको आगाह करना चाहता हूं क्योंकि मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार कांग्रेस ने एक नयी रणनीति अपनाई है। मैंने जांच नहीं की है, लेकिन सरसरी तौर पर मुझे ऐसा लगता है। मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती विधानसभा चुनावों में कांग्रेस काफी शोर-शराबा किया करती थी और भाजपा का सफाया करने की शेखी बघारती थी। उन्होंने कहा कि लेकिन 20 वर्षों में हम नहीं हारे, इसलिए उसने कुछ नया किया है।
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