राष्ट्रकवि दिनकर की 114 वीं जयंती मनाई गई दिनकर के काव्य में राष्ट्रीयता वीर रस व ओज की प्रधानता

राष्ट्रकवि दिनकर की 114 वीं जयंती मनाई गई दिनकर के काव्य में राष्ट्रीयता वीर रस व ओज की प्रधानता

औरंगाबाद से दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर ।
औरंगाबाद (दिव्य रश्मि)।सदर प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत जम्होर में मुखिया अलावती देवी के आवास पर राष्ट्रकवि,हिंदी भाषा एवं हिन्दी साहित्य के आधुनिक चितेरे, रामधारी सिंह दिनकर जी की 114वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। सामयिक साहित्य संवाद के तत्वाधान में आयोजित जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता संयोजक सुरेश विद्यार्थी ने किया जबकि संचालन समाजसेवी राणा सुनील सिंह ने किया। मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह एवं अन्य लोगों ने दिनकर जी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया तत्पश्चात उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित दिनकर के काव्य में राष्ट्रीयता,वीर रस,ओज की प्रधानता विषयक विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि दिनकर का संपूर्ण साहित्य राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत था।कुरुक्षेत्र रश्मिरथी हुंकार,उर्वशी जैसे काव्य हिंदी साहित्य के मानक ग्रंथ माने जाते हैं।वहीं संस्कृति के चार अध्याय किसी विषय को खंडन मंडन करने में,साक्षी प्रस्तुत करने में इस कृति की सहायता ली जाती है।
दिनकर को 1959 में साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया.उनके काव्य मानव मन को झंकृत कर देते हैं।उनकी रचनाएं ऐसी प्रतीत होती हैं जैसे वे चलचित्र के भांति मानव मस्तिष्क पर उभर रहे हों और उनके संवाद वाक्य आंखों के सामने तैरते हुए प्रतीत हो रहे हों। आज के जयंती समारोह में वार्ड प्रतिनिधि राजू प्रसाद गुप्ता, विकी कुमार गुप्ता,स्वच्छता पर्यवेक्षक नंद जी यादव,राहुल कुमार,संत मरियम मिशन पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर सतीश सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
-----0---- अरविन्द अकेला
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