विक्रम सिंधे ने कहा मैं जनता का मित्र हूं
कोलंबो। श्रीलंका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सरकारी सिस्टम में बदलाव लाने का संकल्प जताते हुए देशवासियों से कहा कि वह राजपक्षे परिवार के नहीं बल्कि जनता के मित्र हैं। अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में मई में प्रधानमंत्री पद संभालने वाले विक्रमसिंघे ने आज राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन पर अब इस नई भूमिका में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने, आर्थिक उथल-पथल को दूर करने और एक बंटे हुए देश को फिर से एकजुट करने का सबसे बड़ा दारोमदार है। रानिल विक्रमसिंघे 45 साल से संसद में हैं और उन्हें राजनीतिक हलकों में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्वीकार किया जाता है जो दूरदर्शी नीतियों से अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर सकता है। राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद विक्रमिसंघे बुधवार को कोलंबो के सबसे पुराने बौद्ध मंदिरों में से एक गंगाराम मंदिर भी गए थे। गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को एक्टिंग प्रेसिडेंट बनाया गया था। वह संविधान के अनुसार संसद द्वारा निर्वाचित श्रीलंका के पहले राष्ट्रपति हैं। विक्रमसिंघे की जीत से एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि सरकार विरोधी कई प्रदर्शनकारी उन्हें पिछली राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं। प्रदर्शनकारी देश के मौजूदा संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार ठहराते हैं।
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