प्रधान को बंगाल में मिल गया मुद्दा

प्रधान को बंगाल में मिल गया मुद्दा

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। हालांकि अभी दो साल का समय है। कई स्तर से तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद भाजपा मंत्रियों और सांसदों को सवा सौ से ज्यादा ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में काम पर लगाया गया है, जहां बीजेपी दूसरे नंबर पर रही और कम अन्तर से हारी थी। धर्मेन्द्र प्रधान को पश्चिम बंगाल का प्रभार सौंपा गया है। वे 23 जुलाई को कोलकाता पहुंचे तभी ममता बनर्जी के एक मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिये गये। मामला इतना गंभीर है कि तृणमूल कांग्रेस ने अपने मंत्री का बचाव करने के बजाय यह कहा कि पार्टी राजनीतिक रूप से हस्तक्षेप नहीं करेगी। इसके बावजूद धर्मेन्द्र प्रधान ने इस मामले को उछालकर ममता बनर्जी की सरकार को कठघरे में खडा करने का प्रयास किया है। सरकार में भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता को धर्मेन्द्र प्रधान चुनावी मुद्दा बनाएँगे। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी चाहती है कि पूरी पार्टी और सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप न लग पाये, इसीलिए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अगर वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी स्कूल भर्ती घोटाले में दोषी करार दिए जाते हैं तो पार्टी और सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने यह भी कहा कि वर्तमान में पार्टी चटर्जी को कैबिनेट मंत्री या तृणमूल कांग्रेस के महासचिव के पद से नहीं हटाएगी। पार्टी ने यह भी दावा किया कि उसका गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है, जिनके आवास से लगभग 21 करोड़ रुपये की नकदी 22 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त की थी।

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा के बीच गेंद ताडी का खेल चल रहा है । तृणमूल कांग्रेस ने गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में समयबद्ध तरीके से जांच किए जाने की 24 जुलाई को स्वयं ही मांग की और कहा कि यदि किसी नेता ने कुछ गलत किया है, तो पार्टी राजनीतिक रूप से उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। ईडी ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में राज्य के कई हिस्सों में गत 22 जुलाई को छापेमारी की थी और पार्थो चटर्जी की निकट सहयोगी एक महिला के आवास से लगभग 20 करोड़ रुपये नकद और अन्य सामान बरामद किया था। इस मामले को भाजपा ने खूब उछाला। भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है जबकि तृणमूल कांग्रेस इस मामले से दूरी बनाकर रखना चाहती है । इसीलिए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी का उस महिला से कोई संबंध नहीं है, जिसके पास से नकद राशि मिली है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी इस मामले में समयबद्ध जांच किए जाने की मांग करती है।’ कुणाल ने जाँच एजेंसियों को भी लपेटने का प्रयास करते हुए कहा कि कुछ मामलों में केंद्रीय एजेंसी की जांच कई साल से जारी है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कई करोड़ रुपये वाले सारदा चिटफंट मामले की जांच 2014 से कर रहा है और 2016 के चुनाव से पहले सामने आए नारदा टेप मामले की जांच भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। घोष ने कहा, ‘कानून अपना काम करेगा। तृणमूल कांग्रेस हस्तक्षेप नहीं करेगी, भले ही कितना भी बड़ा नेता इसमें शामिल क्यों न हो।’

इस बीच, कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव की ईसीजी सहित कई जांच की गईं। उन्होंने कहा, ‘इस समय उनकी हालत स्थिर है। विभिन्न परीक्षण किए गए हैं और डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।’

इस तरह का माहौल देखकर केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान कोलकाता पहुंच गये। लोकसभा चुनाव की तैयारी की रणनीति के तहत प्रधान को पश्चिम बंगाल का प्रभार सौंपा गया है। धर्मेन्द्र प्रधान ने वहां की जनता को यह बताने का प्रयास किया है कि ईमानदार राज्य में बेईमान सरकार है। प्रधान ने कहा कि ईश्वरचंद्र विद्यासागर और स्वामी विवेकानंद की धरती पश्चिम बंगाल में एक घर से “नकदी का पहाड़” मिलना दुख की बात है। प्रधान ने बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी महिला के घर से करोड़ों रुपये बरामद होने को “शर्मनाक” करार दिया।

पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद बीजेपी आलाकमान ने मंत्रियों और सांसदों को सवा सौ से ज्यादा ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में काम पर लगाया है, जहां बीजेपी दूसरे नंबर पर रही और कम अन्तर से हारी थी। इन नेताओं को अगले दो साल लगातार वहां जाना है और अगले लोकसभा के चुनाव में वहां से बीजेपी को जीत दिलानी है। इस निर्देश के बाद शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी अपने मुश्किल मिशन पर पश्चिम बंगाल निकल पड़े हैं। धर्मेंद्र प्रधान को कोलकाता उत्तर लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है। वैसे भी बंगाल में बीजेपी की एक- एक सीट पर कांटे की टक्कर होती है। पिछले विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने के बाद बीजेपी जोश में तो है लेकिन बीजेपी ये भी जानती है कि ममता बनर्जी अगले लोकसभा के चुनाव में एक-एक वोट के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगी। धर्मेंद्र प्रधान पर आलाकमान का भरोसा इसलिए भी है क्योंकि वो सिंगूर में शुभेन्दु अधिकारी के क्षेत्र के चुनाव प्रभारी रहे, जहां से चुनाव में ममता बनर्जी को हार का सामना करना पड़ा था।

प्रधान ने कहा, “किसी के घर से 21 करोड़ रुपये के नोटों का पहाड़ मिला है। हमें इस भ्रष्टाचार की निंदा करनी चाहिए, जो बंगाल की उस पवित्र धरती के लिए शर्मनाक है, जो ईश्वरचंद्र विद्यासागर और स्वामी विवेकानंद की धरती है और जहां देवी सरस्वती के उपासक हुए। प्रधान ने कहा कि ऐसा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने सियालदह में ईस्ट वेस्ट मेट्रो के एक कार्यक्रम में यह बयान दिया। आयोजन से इतर, चटर्जी की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने नेता का नाम लेने से इनकार कर दिया और कहा कि “इतनी बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होना शर्म की बात है।” उन्होंने कहा, “मैं ओडिशा से हूं। हमारी समृद्ध साझा विरासत है। इसलिए इस घटनाक्रम से मुझे दुख हुआ।” बहरहाल, टीएमसी भाजपा के इस प्रहार को भोथरा करने का प्रयास कर रही है । पार्टी की तरफ से कहा गया कि उसे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। अगर अदालत पार्थ चटर्जी को दोषी करार देती है तो पार्टी और सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।’ भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के समय शिक्षा मंत्री रहे चटर्जी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पार्टी की यह प्रतिक्रिया आई है। चटर्जी को ईडी ने जांच के सिलसिले में उनके आवास पर करीब 26 घंटे तक की गई पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने दावा किया कि अगर चटर्जी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए होते तो कोई उन्हें छूता नहीं क्योंकि भाजपा ‘वाशिंग मशीन’ में बदल गई है। हकीम ने कहा, ‘हमने अतीत में देखा है कि यदि कोई दागी नेता भाजपा में शामिल हो जाता है, तो वह व्यक्ति हर चीज से बेदाग हो जाता है।’इस प्रकार टीएमसी सिर्फ बचाव ही नहीं कर रही बल्कि भाजपा पर हमला भी कर रही है।
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