भोले बाबा की चली रे बारात

भोले बाबा की चली रे बारात

भोले बाबा की चली रे बारात झूमो नाचो रे 
देवन असुर हो लिये साथ गण सारे आओ रे

भोलेनाथ औघड़ दानी होकर चले नंदी असवार 
भूत प्रेत पिशाच निशाचर जीव जंतु होकर तैयार 

सारे जग से बड़ी निराली बनकर बाराती गाओ रे 
शादी में शिव शंकर गौरी भोले महादेव मनाओ रे
भोले बाबा की चली रे बारात

नाग लपेटे नीलकंठ गले में डाले सर्पों की माला 
डमरू वाला विश्वनाथ जग में सब का रखवाला 

भांति भांति स्वांग रचाए शिवगण सारे आओ रे 
यक्ष रक्ष भैरव पिशाचों संतो मौज मनाओ रे 
भोले बाबा की चली रे बारात 

शिव शक्ति का मिलन हो रहा सारी सृष्टि हरसाई 
देवों ने की पुष्प वर्षा संत मुनि जयकार लगाई 

चहल-पहल मची दक्ष द्वारे शंख नगाड़े बजाओ रे 
अलबेली बारात भोले की भक्तों दर्शन पाओ रे 
भोले बाबा की चली रे बारात 

मस्तक पे चंद्रमा सोहे जटा बहती गंगा धारा 
त्रिनेत्र सर्प जनेऊ त्रिशूलधारी भोला प्यारा 

नर मुंडो की माला पहने नंदी भृंगी गण आओ रे 
मनमौजी नटराज निराले शिव महादेव मनाओ रे 
भोले बाबा की चली रे बारात

सर्प कपाल भस्म गहने डमरू वाला भोलेनाथ 
हाथी घोड़े बैल आए सब कैलाशपति के साथ

बेढंगे से सब बाराती, सब झूमो नाचो गाओ रे
धूम मची है सारे जग में सज धज सारे आओ रे 
भोले बाबा की चली रे बारात

रमाकांत सोनी सुदर्शन 
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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