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चुगली रस

 चुगली रस

चुगलखोर कान में, 
भरते रहते बात। 
चुगली रस का सदा, 
रसपान वो करें।

कैकई कान की कच्ची, 
मंथरा की मानी बात। 
चौदह वर्ष राम को, 
वनवास जो करें।

चिकनी चुपड़ी बातें, 
मीठी मीठी बोलकर। 
कानाफूसी पारंगत, 
चुगलियां वो करें।

चुगली निंदा जो करे, 
नारद उपाधि पाए। 
सुख शांति घर-घर, 
हर लिया वो करें।

रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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