32 वर्षाें के पश्चात भी हत्यासत्र और विस्थापन हो ही रहा है; कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय कब मिलेगा ? - श्री. राहुल कौल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर

कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन कब ? इस विषय पर पत्रकार परिषद

32 वर्षाें के पश्चात भी हत्यासत्र और विस्थापन हो ही रहा है; कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय कब मिलेगा ?
 - श्री. राहुल कौल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर

      जिहादी आतंकवाद के कारण अपने ही देश में विस्थापित होकर 32 वर्ष हो चुके हैंपरंतु आज भी कश्मीरी हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर उनका भीषण हत्यासत्र चल ही रहा है । हिन्दुओं को अक्षरशचुन-चुनकर मारा जा रहा है । पिछले कुछ महीनों में कश्मीर में 10 हिन्दुओं की हत्या हुई है । इसलिए आज भी हिन्दुओं को प्राण और धर्मरक्षा के लिए कश्मीर से पलायन करना पड रहा है । भारत में संविधान और कानून का राज्य होते हुए भी यह क्यों नहीं रुका है अनुच्छेद 370 हटाने के उपरांत भी कश्मीर को हिन्दूविहीन कर 100 प्रतिशत इस्लामिक राज्य बनाने के प्रयास हो रहे हैं । कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या उनका वंशसंहार हैयह सरकार को स्वीकार करना चाहिए । कश्मीर में हिन्दुओं का लौटना कुछ लाख लोगों का लौटना नहीं हैअपितु भारत काभारतप्रेमियों का लौटना है । 32 वर्षाें के उपरांत भी यदि कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या और विस्थापन होता ही रहातो कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय कब मिलेगा ?, ऐसा प्रश्न ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराहूल कौल ने कश्मीरी हिन्दुओं की ओर से केंद्र सरकार से पूछा है ।
वे दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के चतुर्थ दिन फोंडागोवा स्थित ‘श्री रामनाथ देवस्थान’ के विद्याधिराज सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस अवसर पर व्यासपीठ पर ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर’ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीरोहित भटतमिलनाडु के ‘हिन्दू मक्कल कत्छी’ के संस्थापक अध्यक्ष श्रीअर्जुन संपथ और  ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीरमेश शिंदेउपस्थित थे ।

       इस समय ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर’ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीरोहित भट ने कहा किकश्मीर में हिन्दुओं की हत्या करनेवाले आतंकवादियों पर सरकार कठोर सैन्य कार्यवाही करे । ‘जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट’ जैसे अन्य अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर उनकी जडें उखाड देनी चाहिए । विस्थापित हुए लाख कश्मीरी हिन्दुओं ने कश्मीर में लौटने के लिए झेलम नदी के पूर्व और उत्तर दिशा में स्थित कश्मीर घाटी में हिन्दुओं के लिए स्वतंत्र ‘केंद्रशासित प्रदेश पनून काश्मीर’ बनाना चाहिए । संयुक्त राष्ट्र संघ के वंशसंहार कानून के अनुसार भारत सरकार कार्यवाही करे । ‘कश्मीरी वंशसंहार और अत्याचार प्रतिबंधक अधिनियम 2020’ को संसद मान्यता दे ।
इस समय तमिलनाडु के ‘हिन्दू मक्कल कत्छी’ के संस्थापक अध्यक्ष श्रीअर्जुन संपथ ने कहा किप्रत्येक कश्मीरी हिन्दू को सशस्त्र सुरक्षा दी जाए । केंद्र सरकार तत्काल ‘पाकव्याप्त कश्मीर’ स्वयं के नियंत्रण में ले तथा उसे भारत से जोड दे । इस समय समिति के श्रीरमेश शिंदे ने कहा किकश्मीरी हिन्दुओं को पुनः एक बार अपने ही देश में विस्थापित होने का लज्जाजनक समय आनाएक प्रकार से आतंकवादियों और अलगाववादियों ने केंद्र सरकार को दी हुई चुनौती है । आज भारत में ऐसे कश्मीर निर्माण नहीं होने देने होंतो हिन्दुओं को ‘सर्वधर्मसमभाव’ और ‘सेक्युलरवाद’ की भ्रामक कल्पना से बाहर निकलकर हिन्दू समाज की रक्षा करने के लिए स्वयं की तैयारी करनी चाहिए । 

 
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