परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने दी हिन्दू राष्ट्र स्थापना की दिशा सबलोग आचरण में लाएं ! - पू. शिवनारायण सेन

‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का हिन्दू राष्ट्र स्थापना का ईश्‍वरीय कार्य !’ विषय पर विशेष संवाद !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने दी हिन्दू राष्ट्र स्थापना की दिशा सबलोग आचरण में लाएं ! - पू. शिवनारायण सेन

   पिछले 800 वर्षों से मौलवीमिशनरी तथा मार्क्सवादी इन सभी ने भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया । देश में 100 करोड से अधिक हिन्दू होते हुए भी देश में हिन्दुओं के विरोध में छिप-छिपकर कानून बनाए गए । ऐसे समय में परात्पर गुरु डॉजयंत आठवलेजी ने 'भारत हिन्दू राष्ट्र बनना चाहिएयह संकल्प सभी के  सामने रखा । तब हमें आश्‍चर्य होता था तथा असंभव लगता थापर अब रामजन्मभूमि का निर्माणकाशी विश्‍वनाथ मंदिर के लिए लडाईऐसी अनेक घटनाओं को देखें तो अब हिन्दू राष्ट्र स्थापना की दृष्टि से हिन्दू कृतीशील हो रहे हैं । अब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना सत्य में साकार होती दिख रही है । सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉआठवले जी ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना की जो दिशा दी हैउसके अनुसार सभी ने आचरण करना चाहिएऐसा आवाहन पश्‍चिम बंगाल के 'शास्त्र धर्म प्रचार सभा'के सचिव पूशिवनारायण सेनजी ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित 'परात्पर गुरु डॉआठवलेजी का हिन्दू राष्ट्र स्थापना का ईश्‍वरीय कार्य !' इस ऑनलाइन विशेष संवाद में वह बोल रहे थे ।

    इस समय अपने अनुभव बताते हुए 'पितांबरी प्रॉडक्ट्स प्रालि.'के प्रबंध संचालक श्रीरवींद्र प्रभुदेसाईजी ने कहा किपहले मैं विविध हिन्दुत्वनिष्ठ और सामाजिक संगठनों के साथ कार्य करता थासाथ ही अध्यात्म के ग्रंथों को पढता थापर जिस समय सनातन के संपर्क में आयातब संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉआठवले जी द्वारा अध्यात्म का वैज्ञानिक भाषा में किया गया विवेचन अच्छा लगा । आगे साधना करने पर मुझे खरे अर्थों में आनंद और समाधान मिला । जो पहले कहीं भी नहीं मिला था ।

     इस समय सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री
अभय वर्तक बोले किपरात्पर गुरु डॉजयंत आठवलेजी ने उनके गुरु के आशीर्वाद से सनातन संस्था की स्थापना कर हजारों लोगों को साधना में लगाया । साथ ही अध्यात्म का शास्त्रीय भाषा में प्रचार किया । आगे विश्‍वकल्याण के लिए ईश्‍वरीय राज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होनी चाहिएइसलिए देशभर में हिन्दू राष्ट्र जागृति सभाओं   का आयोजन कर हिन्दू राष्ट्र के कार्य को गति दी । देशभर में हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देने के लिए सत्संग और धर्मशिक्षा वर्ग आरंभ किए । हिंदुओं को धर्मकार्य के लिए संगठित किया । इसके लिए परात्पर गुरु डॉआठवलेजी ने वैज्ञानिक परिभाषा में अध्यात्मसाधनाआचारधर्मआयुर्वेदहिन्दू राष्ट्र आदि विविध विषयों पर 354 ग्रंथों की 17 भाषाओं में 88 लाख 84 हजार प्रतियां प्रकाशित की हैं । आज हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए आध्यात्मिक बल देने का कार्य सनातन संस्था कर रही है ।

     कोल्हापुर में शिवसेना के करवीर तालुका प्रमुख श्रीराजू यादव बोले कि, छत्रपति शिवाजी महाराजजी ने स्वयं साधना की और मावळों को अर्थात सैनिकों को तैयार कर हिन्दवी राज्य की स्थापना की । उसी प्रकार हम भी साधना के बल पर हिन्दू राष्ट्र ला सकते हैंयह परात्पर गुरु डॉआठवलेजी ने बताया है । आज हिन्दू राष्ट्र का विषय सर्वत्र चर्चा में है और उस दृष्टि से हम सब लोग मार्गक्रमण कर रहे हैं । 


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