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पोप ने भारत का अपमान किया है संसद में प्रस्ताव पारित कर इनकी धर्म विरोधी दुकानें बंद करें। --स्वामी बालयोगेश्वर

पोप ने भारत का अपमान किया है संसद में प्रस्ताव पारित कर इनकी धर्म विरोधी दुकानें बंद करें। --स्वामी बालयोगेश्वर

धर्म रक्षा दल के द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में विश्व धर्मागम योगाश्रम के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी बाल योगी जी ने कहा आजकल भारत के प्रमुख समाचारों में खबरें है कि भारत की धाक हर क्षेत्र में बन रही है। धर्म के क्षेत्र में भी भारत दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। 18 मई 2022 को वेटिकन में क्रिस्चन पोप के द्वारा पहली बार किसी भारतीय को संत की उपाधि दी गई है। भारत में कन्याकुमारी जिले में 23 अप्रैल सन 1712 में जन्मे देवसहायम पिल्लई को क्रिश्चियन पोप के द्वारा संत की उपाधि दी गई। सन 1745 में हिंदू धर्म छोड़कर इन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। देव सहायम पिल्लई ने जातिगत मतभेदों के बावजूद सभी लोगों की समानता पर जोर दिया इससे उच्च वर्गों में उनके प्रति नफरत पैदा हुई । उस समय तमिलनाडु में वर्मा राजवंश था। देवसहाय पिल्लई को सन 1749 में गिरफ्तार किया गया। सन 1752 को उन्हें किसी ने गोली मार दी थी । डच नौसेना के कमांडर ने इन्हें कैथोलिक धर्म के बारे में बताया था। उन्होंने अपना नाम लाजर रखा था। ऐसी खबरें आजकल प्रमुख समाचारों हैं।
श्री राधाकांत वत्स जी निम्बार्क सम्प्रदाय और धर्म के लिए समर्पित साधू संतो ने कहा संकीर्ण मानसिकता से ग्रसित क्रिस्चन पंथ गुरु श्रीमान पोप जी संत शब्द का अपमान कर पूरी मानवता को अंधकार में धकेल रहे हैं। कोई भी शिक्षित व्यक्ति ऐसा कार्य नहीं करेगा । क्रिस्चन पंथ गुरुओं के द्वारा धर्म और संत शब्द का अपमान किया गया है। संत उसे कहा जाता है जो सत्य स्वरुप ईश्वर का साक्षात्कार जीते जी कर लें या लोगों को सत्य स्वरूप ईश्वर की ओर ले जाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दें। वर्तमान में क्रिश्चन पंथ के द्वारा ईश्वर और धर्म जैसे शब्दों का प्रयोग कर मानव सभ्यता को अंधकार में धकेला जा रहा है। जो भी शिक्षित व्यक्ति होगा विद्वान होगा स्वार्थी, धूर्त, बिकाऊ और मूर्ख नही होगा इनका समाचार लिखते समय इन शब्दों का प्रयोग नही करेगा। स्पष्ट परिभाषा और सिद्धांत के बिना क्रिश्चियन पंथ में ईश्वर और धर्म और संत जैसे शब्दों का उपयोग कर प्रचार करना मानवता के विरुद्ध है। क्योंकि धर्म की परिभाषा स्पष्ट है इसके ठीक विपरीत विचारों को धर्म कैसे कह सकते हैं । ईश्वर की परिभाषा भी स्पष्ट है ठीक इसके विपरीत विचारों को ईश्वर या परमात्मा शब्द से संबोधित कैसे कर सकते हैं। समाचार लेखक, वक्ता स्वार्थ वश पूरी मानवता के साथ अन्याय कर रहे हैं इन शब्दों की परिभाषा सार्वभौमिक है ।
भारत के साधु संतों विद्वान जनों ने क्रिश्चन पंथ गुरुओं को इस बात पर चुनौती दी है की इन शब्दों का प्रयोग क्रिश्चन पंथ गुरु नही कर सकते है क्योंकि यह भारत का अपमान है और पूरी मानव सभ्यता के साथ अन्याय है।
क्रिस्चन पंथ गुरु मुँह छुपा कर सिद्धांत ग्रंथ परिभाषा ग्रंथ बिना बताए इन शब्दों का प्रयोग करते हैं।
भारत मे क्रिप्टो क्रिस्चन हिन्दू नाम वेष रखकर धर्म विरोधी,राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। न्यायालय, मीडिया, सत्ता में,कुछ हिन्दू संगठनों में इनका पूरा नियंत्रण है। यूनाइटेड हिन्दू फ्रंट, हिन्दू महासभा के द्वारा सबूत समेत इनके आतंकवादी गतिविधियों से 20 वर्षों से सरकार को चेताया जा रहा है कई बार देश का तख्ता पलटने से बचाया गया हैं। सन 2012 में हमने देशद्रोही शक्तियों को नंगा किया जो भारत को लीबिया सीरिया और मिस्र की तरह कब्रिस्तान और खंडर बनाने पर तुली हुई थी। अमेरिका ,इंग्लैंड की गुप्तचर ऐजेंसी सेनाएं क्रिस्चन पोप की सेनाएं हैं। आज भी भारत मे मुद्दे यही तय करते है जनता को गुमराह करते हैं। असली मुद्दों पर आने नही देते।भारतीय संस्कृति और परिवार तोड़ने के कानून बनाये जाते हैं। नेता आज भी इनके
जर खरीद गुलाम है चरित्रहीन हैं भ्रष्ट हैं । क्रिश्चन सबसे अधिक सरकारी जमीने हड़प कर बैठे हुए हैं। सबसे अधिक छूट सुविधाएं इन्हें प्राप्त है। लाखों हिंदू मंदिरों की दान पेटी की करोड़ों अरबो रुपयों की राशि सरकार प्रतिवर्ष हड़प कर उस राशि की 95 प्रतिशत राशि क्रिश्चन और मुस्लिम संस्थाओं पर खर्च करती है । क्रिस्चन और मुस्लिम संस्था के एक रुपए को सरकार छूती भी नहीं है । यदि हिंदू मंदिरों की राशि केवल हिन्दुओ पर खर्च की जाय तो एक भी हिंदू गरीब नहीं रहेगा बेरोजगार नहीं रहेगा। साधु संतों की मांग हैं कि सरकार हिंदुओं के साथ न्याय करें और हिन्दूओ का पैसा वापस करें कानून बनाएं।
क्रिश्चियन चर्च आतंकवादी अड्डों की जांच करने की मांग कई बार हो चुकी है। लेकिन कोई नेता या मीडिया इन आतंकवादी अड्डों की जांच करने की हिम्मत नहीं कर पाया है। बलात्कार के आरोपी अपराधी दोषी अनेक क्रिश्चियन पंत गुरुओं को गिरफ्तार करने के लिए वेटिकन के आदेश का इंतजार भारत सरकार पुलिस को करना पड़ता है। क्रिश्चियन पंथ गुरुओं और इनकी संपूर्ण संस्थाओं को पूरी तरह भारतीय कानून के अंतर्गत लाने की पहली आवश्यकता है फिर हिन्दू राष्ट्र गोरक्षा की बात करना उचित है। नेता जो न्याय करते हैं वह हिंदुओं के साथ इस घोर अन्याय पर चुप क्यों है? क्रिश्चियन बाहुल्य क्षेत्र पालघर में दो साधुओं की पुलिस की उपस्थिति में हत्या की गई वहां पर किसी भी भगवाधारी को देखते ही जनता पीट पीट कर मार डालती है। पहले भी कई हत्याएं हो चुकी है। वहां पर शरद पवार एनसीपी के विधायक का क्षेत्र है। कभी कम्युनिस्ट वादी कभी कुछ नाम दे दिया जाता है। क्रिश्चियन पंथ गुरु किसी हिंदू का धर्म परिवर्तन करते समय उसके पूज्य देवी देवताओं की फोटो पर पेशाब करा कर उन्हें जलाने के लिए कहा जाता है। हिंदू धर्म के प्रति नफरत पैदा कर दी जाती है। यही क्रिश्चिनो का चलाया गया सेकुलर वाद और धर्मनिरपेक्षता का एजेंडा है। ऐसी दुर्घटनाओं पर राज्य सरकारों को बर्खास्त करना हल नहीं है। इसके लिए केंद्रीय कानून बनाने की आवश्यकता है। पालघर के साधुओं की हत्या का मुद्दा बनाकर भारत के बिकाऊ मीडिया ने भारत को हिंदू मुस्लिम गृह युद्ध में धकेलने मैं कोई कसर बाकी नहीं रखी थी । लेकिन समय रहते दारा सेना , हिंदू महासभा के द्वारा सोशल मीडिया के देशभक्त लोगों द्वारा इस षड्यंत्र को विफल किया गया। किरण बेदी ,केजरीवाल, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, यूरोपियन यूनियन, मानवाधिकार आदि कई संगठन नेता नक्सलवादी माओवादी आतंकवादियों के खुले समर्थक हैं।
जो विश्व प्रसिद्ध हिंदू संत धर्मांतरण के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा बने हुए थे उनको बिना सबूत बलात्कार के आरोप में जेल में डाल दिया है क्योंकि वे ब्रहमचर्य की शिक्षा देकर भारत की युवा पीढ़ी को मजबूत कर रहे थे।
मूलरूप से क्रिस्चन देशों से प्रायोजित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी , बंदी छोड़ रामपाल ,निर्मला देवि कुण्डलिनी जागरण आदि संथाओं को मीडिया संत कहता है जबकि वे सनातन वैदिक पंथ के विरोधी हैं। सनातन धर्म से बुद्ध पंथ में ले जाकर गुमराह करके फिर बरगलाना क्रिस्चन बनाना आसान हो जाता है।
कर्तव्यनिष्ठ न्यायधीशों और राष्ट्र्वादी रामराज्य वादी नेताओं और बड़े संगठनों की मेहरबानी से इनके आश्रम आतंकवाद के अड्डे हैं जो आदिवासी, जनअदालत, जातीयता, नक्सल, माओ, कम्युनिस्ट ,उल्फा के नाम पर आये दिन निर्दोष हिन्दुओ, हिन्दू सैनिको ,पुलिस जवानों की हत्या पर रहस्यमय चुप्पी साधकर उड़ीसा में स्वामी लक्ष्मणा नंद की हत्या का फतवा वेटिकन से करवाते हैं। दंगे होने पर 50 क्रिश्चन देशों के सेकुलर वादी नेता प्रतिक्रिया और चिंता जाहिर करते हैं। हिन्दू संगठन चंदा जमा करते है जमा निधि। धार्मिक भेदभाव के कारण हिंदू आर्थिक संकट से ग्रस्त है लाखों परिवार आत्महत्या कर रहे हैं । अल्पसंख्यक मंत्रालय आयोग बनाकर उस को बढ़ावा देने वाले जेब कतरे नेता मौज मार रहे हैं। भाजपा ने समान नागरिक कानून का वादा सात वर्षों में पूरा नही किया । अल्पसंख्यक मंत्रालय आयोग को बंद करने की बजाय उसे बढ़ावा दिया । हिंदू की पीठ में छुरा भोकने की इन की परंपरा रही है । क्रिश्चन अंग्रेजों ने अल्पसंख्यक शब्द का आविष्कार करके भारत के टुकड़े किए । सन 1947 में लाखों हिन्दू मारे गए लाखो हिन्दू स्त्रियों का बलात्कार हुआ। हिन्दू जिसे पनाहगाह समझ रहे हैं वही उनके कत्लगाह है हिन्दू सावधान हो जाए।
अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिश्चियन दानवाधिकार आयोग मानवाधिकार की बातें करता है। गो तस्करों को पकड़ने वाले सैनिकों को दंडित करवाता है और गौ तस्करों को मुआवजा दिलवाता है। क्रिश्चियन कौंसिल के द्वारा आज भी भारत में स्कूलों में गीता पढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। भारत में आज भी गोमांस खाने का उत्सव मनाया जाता है। आए दिन गौ रक्षकों की हत्या हो रही है।
गली गली शराब की दुकानें खोलकर रामराज्य लाने वाले राष्ट्रवादी नेताओं की मेहरबानी से रेलवे स्टेशन की दुकानों पर इनकी बहुराष्ट्रीय कंपनियां ब्रिटानिया कंपनी अंडे और पशुओं के मांस का केक बिस्किट ब्रेड आम जनता को खिला रही है। पीने के पानी के नल गायब है जनता इनकी केमिकल पेय पदार्थ पीने के लिए मजबूर है । भारत मे नीति आयोग ,योजना आयोग,चरित्रहीन भ्रष्टाचारी न्यायधीश, नेता, प्रमुख मीडिया आज भी क्रिश्चन चर्च के अनुसार ही नौटंकी ड्रामा करते है।
भारत का मीडिया ,मानवाधिकार,न्याय तंत्र, नेता वर्ग,अधिकारी वर्ग, कुछ बड़े हिंदूवादी संगठन , कुछ आतंकवादी संगठन क्रिस्चन शक्तियों द्वारा पूरी तरह संचालित है । हिन्दू मुस्लिम मुद्दे बना कर हिन्दूओ को मरवा रहे हैं। धार्मिक भेदभाव द्वारा हिन्दुओ का भयंकर शोषण हो रहा है । अल्पसंख्यक मंत्रालय आयोग आरक्षण, अनुदान ,छूट, सुविधाओं के कारण इस अन्याय से करोड़ों हिंदू परिवार आर्थिक संकट से ग्रस्त है लाखों हिंदू परिवार आत्महत्या कर रहे हैं। हिंदू संगठनों के एक अनुमान से प्रतिदिन लगभग 2700 हिन्दू लड़कियाँ धर्मांतरण का शिकार हो रही है। उनकी कोई सुनवाई नही है।उनके पूरे परिवार का जीवन नरक बन गया हैं।
क्रिस्चन अंग्रेज 200 वर्षों तक भारत मे शैतान बन कर नाचते रहे लूटते रहे सन 1947 में भारत के टुकड़े किये उसके बाद कई गुना अधिक लूटपाट सैकड़ो विदेशी कंपनियों के द्वारा आज भी जारी है। नेतागिरी, मीडिया ,प्रशासन में कई हिन्दू नाम वेश रखकर क्रिस्चन है असली मुद्दे छुपा कर जनता का शोषण करके मौज मार रहे हैं। अनेक कानून बनवा कर हिन्दूओ को समाप्त करवा रहे हैं।
मूल रूप से हिन्दू धर्म विरोधी मानसिकता ,हिंदू मुस्लिम मुद्दे बनाकर , मूल रूप से धार्मिक भेदभाव, आतंकवाद,अलगाववाद,जातिवाद,भाषावाद ,पर्यावरण,मानवअंग तस्करी,मानव तस्करी, नशा,अश्लीलता,धर्मांतरण, अल्पसंख्यक के नाम पर रोटी सेकने की राजनीति बिकाऊ नेताओ के द्वारा इन क्रिश्चनपंथ गुरुओं के चर्च के द्वारा की जा रही है।
क्रिस्चन मानवता की सेवा करना चाहते हैं तो सेवा ही करे सत्ता प्राप्ति और छल बल से धर्म परिवर्तन के लिए दानवी कृत्य नही करे न ही पवित्र शब्दों को अपवित्र करें।
जो हिन्दू संत संपूर्ण मानवता के लिए उचित आहार विहार ब्रहमचर्य आयुर्वेद आदि का प्रचार-प्रसार करते हैं उनको सम्मान दे उनका अनुकरण करें। अपना अहंकार छोड़ कर सत्ता की राजनीति छोड़ कर सेवा कार्य करें जिसका यह ढोल पीटते रहते हैं । कृपया धर्म ,ईश्वर, सत्ता की दुकानदारी बंद करें, अलगाववादी, आतंकवादी, अमानवीय , अन्यायकारी कृत्यों को बंद करे। अवसरवादी धूर्त चुप्पी की राजनीति बन्द करे।अपने सेवा केंद्र चालू रखें। जिन हिंदू संतो को बदनाम कर उनको प्रताड़ित किया है उनसे क्षमा याचना करें अन्यथा श्रीमान पोप जी और क्रिश्चन पंथ गुरु अपनी दुर्दशा के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।
कुछ दिन पूर्व भारतीय मीडिया में खबरें थी रूस यूक्रेन युद्ध के संबंध में पोप पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस विषय को साधु संतों ने गंभीरतापूर्वक लेते हुए बैठक की और रूसी दूतावास में मुलाकात करने की योजना बनाई। स्वामी बाल योगी जी ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध की मार भारत की जनता झेल रही है। अमेरिका इंग्लैंड की विस्तारवादी अधर्म संगत नीतियों पर पोप उदासीन है। पोप जब धर्म संगत बात करेंगे उस पर आगे की दिशा तय होगी अन्यथा कई देश राख में बदल सकते हैं। इसके लिए पोप स्वयं जिम्मेदार होंगे। जहां धर्म होगा वही विजय होगी और वही शांति होगी।
भारत के विश्व प्रसिद्ध हिन्दू साधु संतों की गिरफ्तारी आसानी से हो जाती है । हिंदू धर्म की संस्थाओं पर सरकार का नियंत्रण है जबकि अपराधी क्रिश्चन पंथ गुरु की गिरफ्तारी नहीं हो पाती और उनकी संस्थाओं को सरकार नियंत्रित नहीं करती है । क्रिश्चियन पंथ गुरु सरकार को पूरी तरह नियंत्रित करते हैं । टैक्स भरने वाले हिंदुओं को नेता केवल मूर्ख बना रहे हैं ।
भारत की प्रमुख साधु-संतों की बैठक में तय किया गया है कि जो हिंदू साधु-संतों का सम्मान रखते हुए धर्म संगत कार्य करेगा ऐसे नेताओं को अब खुला समर्थन करके सत्ता में बैठाया जाएगा और धर्म विमुख नेताओं को उखाड़ कर फेंक दिया जाएगा। वर्तमान सरकार को ज्ञापन देकर साधु संतों की मांगों को सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
संविधान का उल्लंघन करके बनाया गया अल्पसंख्यक मंत्रालय बंद किया जाए । धार्मिक भेदभाव, छूट, आरक्षण अनुदान बन्द किया जाय। जेबकतरे नेताओं को नीलाम किया जाए उनकी संपत्ति जप्त की जाए और उनको बंधुआ मजदूर बनाकर सेवा का अवसर दिया जाए। हिन्दूओ को उनका पैसा वापस किया जाए। गोरक्षा मंत्रालय बनाया जाय। अल्पसंख्यक आयोग बंद किया जाए । धर्मांतरण की शिकार हिंदू लड़कियों की क्षतिपूर्ति की जाय। धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर कानून बना कर दोषियों को दंडित किया जाय। हिंदुओं को न्याय दिया जाए। भारत में धर्म, संत, ईश्वर, परमात्मा जैसे शब्दों को प्रयोग करने वाले समाचार पत्रों,नेताओं, संस्थाओं की जिम्मेदारी तय करें कि सनातन वैदिक धर्म के विपरीत विचारों को इन शब्दों से संबोधित नही करे। अन्यथा इनको नोटिस दे कर इनकी संपत्ति जप्त की जाय।
इनके वोट देंने और चुनाव लड़ने का अधिकार हमेशा के लिए समाप्त किये जायें। इनकी संपत्ति खरीदने के अधिकार समाप्त किये जायें।
धर्मनिरपेक्षता, धर्मान्धता, धार्मिक असहिष्णुता ,धार्मिक कट्टरता जैसे विकृत शब्दों का प्रयोग करने वाले आतंकवादियों से अधिक खतरनाक है। इनसे लिखित में क्षमा प्रार्थना पत्र जमा करवाये जाए और ऐसे समाचार पत्रों पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए । प्रत्येक जिले, तहसील थाने पर सरकार सूचना आदेश पत्र जारी करें । अन्यथा हिंदू संतो की जान की कोई कीमत नहीं रह जाएगी पालघर जैसी घटनाएं होती रहेगी। भारत के प्रमुख साधु संत सरकार से मांग करते हैं कि सरकार आयोग बनाये जिसमे भारत के प्रमुख साधु संत हो। उन संतो के द्वारा उनकी सुरक्षा और धर्म से संबंधित विषयों को नियंत्रित किया जा सके और सभी का सच्चा विकास हो सके।
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