अपने दिल में हिन्दुस्तान रखते हैं

अपने दिल में हिन्दुस्तान रखते हैं 

हम एक हाथ में रामायण,गुरू ग्रन्थ,
दूजे में बाईबिल,कुरान रखते हैं,
सच कहता हूँ मैं दिल से यारों,
अपने दिल में हिन्दुस्तान रखते हैं।

रग-रग भारतीय मेरा परिचय,
महाराणा का स्वाभिमान रखते हैं,
कोई आतातायी नहीं मेरा रोल मॉडल,
हम खुद अपनी पहचान रखते हैं।

हम शूरवीर जहान में ऐसे हैं,
किसी बारूद,बम से नहीं डरते हैं,
बढ़ जाते जब हम दो चार कदम,
दुश्मन बेमौत मरते हैं। 

करते हैं हम दुनियाँ को सलाम,
देते हैं उन्हें शान्ति का पैगाम,
जो ऑख दिखातें हैं मुझपर,
हम उनकी ऑख फोड़ देते हैं।

हम हैं शान्ति,अहिंसा के पुजारी,
सदैव अमन-चैन से रहते हैं,
जो मिलकर रहते हैं हमसे,
हम उनकी दुख-दर्द हर लेते हैं। 

हम इस धरती को माँ मानते,
तिरंगे को राष्ट्रीय शान जानते,
गर कोई ऑख उठाता इस धरा पर,
वह स्वंय धरा से उठ जाता है।

हममें बहता खून श्रीराम का है,
यह जिस्म व जान वतन के काम का है,
नहीं झुकने देंगे कभी तिरंगे की शान,
सरफरोशी की तमन्ना अपने दिल में रखते हैं।
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     अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
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