स्मृतियों में 'संत रामरती दास' पुस्तक का हुआ लोकार्पण
- वेद प्रकाश तिवारी के द्वारा संपादित यह संस्मरण की पहली पुस्तक है ।
- भव्य कार्यक्रम में अतिथियों के साथ- साथ गांव के बुजुर्गों और युवाओं का भी हुआ सम्मान।
- शिक्षाविद डॉक्टर पी एन सिंह के वचनों से मंत्रमुग्ध हुई परसौनी आनंदघन की जनता ।
पद्मनाभ त्रिपाठी, संवाददाता,मईल देवरिया ।
वेद प्रकाश तिवारी द्वारा लिखित संस्मरण की पहली पुस्तक, 'स्मृतियों में रामरती दास' का लोकार्पण संत रामरती दास की समाधि स्थल परसौनी आनंदघन में हुआ ।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की भाटपार रानी तहसील अंतर्गत परसौनी आनंदघन गांव सिद्ध संत रामरती दास उर्फ नागा बाबा की जन्मस्थली भी रही है । 1951 में बाबा गांव के बगीचे में अपना शरीर छोड़ा जहां उनकी समाधि बनी हुई है । 70 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद महान संत के विषय में लिखने का बीड़ा उठाया साहित्यकार वेद प्रकाश तिवारी ने, जो परसौनी आनंदघन गांव के ही निवासी हैं। नागा बाबा के पुण्यतिथि के अवसर पर प्रत्येक वर्ष एक भंडारे का आयोजन होता है, परंतु नागा बाबा के विषय में उनके व्यक्तित्व, उनकी आध्यात्मिक शक्तियों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं । जिन लोगों को बाबा का सानिध्य मिला था उनमें से कुछ लोग गुजर गए कुछ लोग अभी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं । उन लोगों से बाबा के बारे में उनकी जीवनी, उनका जीवन दर्शन उनकी आध्यात्मिक की यात्रा की पूरी कहानी सुनकर साहित्यकार वेद प्रकाश तिवारी ने उसे अपनी कलम की धार दी है । पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में क्षेत्र के प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर अजय बरनवाल जी उपस्थित थे । मुख्य अतिथि के रूप में महान शिक्षाविद डॉक्टर पी एन सिंह जी थे । साहित्यकार रामेंद्र प्रकाश मिश्र जी, क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी जटा शंकर सिंह जी, कवि, शायर मकसूद अहमद भूपतपुरी जी, शायर शिक्षक और रचनाकार रामेश्वर तिवारी जी, शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर उदय नारायण सिंह सम्यक जी, श्री कृष्ण चरणामृत का रसपान कराने वाले, कथा वाचक, मानस मर्मज्ञ श्री ध्रुव प्रभुपाद जी, मानस मर्मज्ञ दीपक चौरसिया जी, अमित मिश्र, अंकित मित्र आदि ने पुस्तक का लोकार्पण किया। परसौनी आनंदघन की जनता इस भव्य कार्यक्रम को देखकर आत्म विभोर हो गई। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे लोकार्पण नहीं ,कोई सत्संग हो रहा है । बीच-बीच में अतिथियों के भाषण से, उनके वचनों से, लोगों की आंखें नम हो रही थी ।
वेद प्रकाश तिवारी ने सभी अतिथियों और गांव के बुजुर्गों को अंग वस्त्र, रामचरितमानस और बाबा के ऊपर लिखी हुई पुस्तक भेंट की तथा सभी युवाओं को एक एक पुस्तक भेंट किया । परसौनी आनंदघन के बुजुर्गों में श्री रामायण सिंह, श्री गंगा विसुन गुप्ता, श्री सुदामा सिंह, श्री जानकी भगत, श्री राम अवतार , श्री श्याम सुंदर उपस्थित थे जिन्हें बाबा के सानिध्य में रहने का मौका मिला था ।
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