मारियुपोल पर कब्जे से पुतिन खुश
मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब दूसरे महीने में पहुंच चुकी है और पुतिन इसे जल्द से जल्द जीत में बदलना चाहते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि रूस का मारियुपोल पर कब्जा यूक्रेन की जंग में जीत की तरह है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अजोव सागर के तट पर बसे यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल पर कब्जा रूस को उसके नियंत्रण वाले क्रीमिया से स्वयंभू डोनेट्स्क रिपब्लिक के बीच तक जमीनी रास्ता मुहैया कराएगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले से ठीक पहले डोनेट्स्क और लुहान्स्क रिपब्लिक को स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में मान्यता दे दी थी। ऐसे में मारियुपोल पर कब्जे से पुतिन बेहद खुश हैं। जंग की शुरुआत से रूस का पूरा फोकस मारियुपोल पर कब्जा करने का था। 18वीं सदी के रूसी राजा मारिया फिओडोरोवना के नाम पर बसा यह मारियुपोल शहर रूस में शाही शासन के दौर में अजोव गवर्नर के नियंत्रण में था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान मारियुपोल पर हिटलर के नेतृत्व वाली जर्मन सेना ने कब्जा कर लिया जो करीब दो साल तक चला। इस दौरान नाजी सेना ने स्थानीय लोगों की मदद से यहूदियों के खात्मे का अभियान शुरू किया। इसके बाद मारियुपोल शहर को रूस की लाल सेना ने मुक्त कराया और इसका नाम सोवियत वामपंथी नेता एंद्रेई झदानोव के नाम पर झदानोव रखा। साल 1989 में सोवियत संघ के पतन से दो साल पहले इसका नाम एक बार फिर से मारियुपोल रखा गया।
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