दौड़ रहे हैं अंधी दौड़ में,
दौड़ रहे हैं अंधी दौड़ में, पब्लिक स्कूलों में जाते,
सरकारी का नाम सुना तो, नाक मुँह भी सड़ जाते।
जितने विद्या मंदिर हैं, संस्कार सब सिखलाते,
शिक्षा का स्तर ऊँचा है, बच्चों को वहाँ नहीं पढ़ाते।
बिन ट्यूशन ही बच्चे पढ़ते, ज्ञान की बातें होती,
राष्ट्र धर्म और संस्कृति, मानवता भी समझाते।
झूठ मूठ का दिखलावा, झूठी शान की बातों में,
निज कुंठाएँ से ग्रसित ही, शिक्षा पर दोष लगाते।
आमदनी आठ आने वाले, बस सपनों पर पलने वाले,
वर्तमान से भविष्य तक, बच्चों में कुंठाएँ भरते।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com