हर घर में तमासा हे
गाँमें गाँमें मातम
सब खार में चिपरी हे
दाने दाने माजुम।
ऊ बोल के मतलब का
जे में न दही चन्नन
बरसात इया जाड़ा
हे जेठ निअन मौसम।
जखनी जखनी पछेआ
माथे में समा जाहे
आँधी पानी ले ले
बिछ जाहे कने सावन।
मंतर के करेजा मे
जे पीर भरल उमड़े
लतरा के भरम अइसन
पसरे खदबद आँगन।
कुछ बात हे जिनगी के
उसका -उसका बरजे
दिन रात गिने अँगुरी
मिलतइ पीअर आसत।
रामकृष्णहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com