सतत् कर्तव्य का योगी

सतत् कर्तव्य का योगी

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
संन्यास आश्रम सामान्य रूप से जीवन के चैथे पन का कर्तव्य है लेकिन भारत-भूमि पर बाल और युवा संन्यासियों ने अपने कर्तव्यों से देश का नाम गौरवांवित किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ऐसे ही युवा संन्यासी हैं जिन्होंने सतत् कर्तव्य का मार्ग अपनाया है। धर्म और कर्म का इससे बेहतर समन्वय बिरले ही देखने को मिलता है। पहले सांसद के रूप में और अब यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ समाज की सेवा कर रहे हैं। यूपी में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने बीती 25 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अब 25 अप्रैल को 30 दिन की सरकार होने पर ही सरकार ने 30 प्रमुख फैसले लिये हैं। गांव से शहर तक की योगी सरकार को फिक्र है। गत 24 अप्रैल को उन्होंने लोकतंत्र की सबसे पहली इकाई ग्राम पंचायत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल) को योगी ने ग्राम सचिवालय बनाने की घोषणा की है। ग्राम पंचायतों के लिए यह बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक महीने के कार्यकाल के दौरान चुनाव पूर्व लोक संकल्प पत्र में किये गए वादों को अमली जामा पहनाने के लिए ताबड़तोड़ फैसले लिये हैं। चुनावों में मुद्दा बना बुलडोजर भी जमकर गरज रहा है। छेड़-छाड़ करने वालें के खिलाफ भी पुलिस अभियान चल रहा है। इसके अलावा रोजगार, गरीब आवास और किसानों को लेकर भी मुख्यमंत्री एक्शन में नजर आ रहे हैं।

दुबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही पहली कैबिनेट बैठक में उन्होंने फ्री राशन योजना को तीन महीने के लिए बढ़ाने का फैसला लिया। इसी प्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की भूमिका को आगे बढ़ाते नजर आए। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब उन्होंने सोनभद्र और औरैया के जिलाधिकारी को सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं लापरवाही बरतने के आरोप में गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार भी नप गए। सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफी और फाइलों को टरकाने की कार्यशैली पर भी मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने सभी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर दफ्तर पहुंचने, 30 मिनट का ब्रेक और लंच ब्रेक के बाद कार्यस्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया।

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। एक महीने के भीतर ही अवैध तरीके से अर्जित 200 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है।

सौ से अधिक माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर चला है। हालांकि मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि गरीबों और दुकानदारों के खिलाफ बुल्डोजर की कार्रवाई न हो। मुख्यमंत्री ने दुबारा सत्ता संभालते ही 100 दिन के भीतर गन्ना किसानों को 8000 करोड़ रुपये का भुगतान का निर्देश भी दिया और नौकरी व रोजगार को लेकर भी अपनी मंशा साफ कर दी है। उन्होंने आगामी 6 महीनों में आंगनबाड़ी के 20 हजार पदों पर भर्ती के निर्देश भी दिए। पुलिस बल के लिए 86 राजपत्रित और 5295 अराजपत्रित नए पदों को शासन ने मंजूरी दी है। योगी मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने और उसमें सुधर लाने के लिए बनाए गए पुलिस सुधर आयोग के कार्यकाल को 30 जून तक बढ़ा दिया। अपने पहले कार्यकाल में महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए एंटी रोमियो स्क्वाड को अपने दूसरे कार्यकाल में भी जारी रखने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री ने होमगार्ड में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बढ़ाने का भी फैसला लिया। उन्होंने होमगार्ड में होने वाली भर्ती में 20 फीसदी पदों पर महिलाओं को भरने का आदेश भी दिया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 10 हजार पदों को पहले 100 दिन के अंदर भर्ती को पूरा करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने गरीब परिवारों को पक्का घर देने के लिए बनी आवास योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले 6 महीने में 2.51 लाख घर बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत गरीब बेटियों की शादी के लिए मिलने वाले अनुदान की राशि को 50 हजार से बढाकर एक लाख कर दिया गया है। अपने संकल्प पत्र में किये वादे को पूरा करते हुए छात्रों को टेबलेट और स्मार्टफोन योजना की शुरुआत भी 30 दिन के अंदर शुरू हो गई।

मुख्यमंत्री ने पहले 30 के कार्यकाल में जो अहम फैसले लिये उसमें 52 साल पहले पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिन्दू परिवारों को उनका खेती के लिए दो एकड़ जमीन देने का फैसला भी शामिल है। इसी प्रकार नए धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर न लगाने और धार्मिक जुलूसों को बिना अनुमति के निकालने पर रोक लगा दी। मुख्यमंत्री के इस फैसले का सभी धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी के तर्ज पर स्मार्ट गांव विकसित करने के भी निर्देश दिए। प्रदेश के बुजुर्ग संतों, पुरोहितों और पुजारियों के लिए एक कल्याण बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों को 100 दिन की कार्ययोजना तैयार करने का भी निर्देश दिया। साथ ही सभी विभागों के प्रेजेंटेशन की समीक्षा भी की। मंत्रियों को जिलों में रात्रि विश्राम के आदेश है। एसडीएम और सीओ रात में भी समस्या सुनेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन 9 जिलों में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की जहां साक्षरता दर काफी कम है।

संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की गयी और वृद्ध महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा सुविधा दी गयी। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने 30 दिन में ही 30 बड़े फैसले करके अपनी सरकार के इरादे जाहिर कर दिये हैं।
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