प्यार में तकरार

प्यार में तकरार

तेरे प्यार में पागल फिरता, सारी दुनिया घूमता। 

नाम तेरा ले लेकर मैं, हर डाली पत्ता चूमता।

प्यार तेरा पाकर खिला, चमन मेरे घरबार का। 
दिल से दिल के तार जुड़े, नाम कहां तकरार का। 

तेरे सारे नाजो नखरे, हर अदा मनभावन लगती। 
चार चांद चमक उठते, श्रृंगार कर जब तू सजती।

तुम ही हो सुंदर संसार, खिलता गुलशन गुलजार। 
करती हो मुझसे तकरार, बरसता नैनो से अंगार। 

कहां गये बोल मधुर प्यारे, झरने बहते प्यार के। 
दिल हो जाता हर्षित, तेरी पायल की झंकार से। 

आ जाओ प्रियतम प्यारे, आ गया मधुमास भी। 
होली का मौसम आया, लेकर प्रेम विश्वास भी। 

बजने लगे तार दिलों के, मन में उमंगों की झंकार। 
आकर गले मिलो हमारे, छोड़ो अब सारी तकरार।

रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थान 
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