राज्य सभा में भी मान का ‘मान’

राज्य सभा में भी मान का ‘मान’

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • पंजाब से आम आदमी पार्टी के पांचों उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित
  • मुख्यमंत्री एक्शन मोड में
  • पटियाला में 80 करोड़ के घोटाले की दुबारा खोली फाइल


पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा चुनाव की जीत का रथ राज्यसभा के द्वार तक पहुंचा दिया है। राज्यसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने अपने पांचों उम्मीदवारों को निर्विरोध विजय दिलाने का रास्ता बना दिया है। पंजाब में राज्यसभा के लिए 24 मार्च को दिन में तीन बजे तक नामांकन वापस लेने का समय था। किसी अन्य दल के नेता ने नामांकन किया नहीं था। इस प्रकार आपके पांचों उम्मीदवार राघव चड्ढा, क्रिकेटर हरभजन सिंह, संदीप पाठक, संजीव अरोड़ा और अशोक मित्तल निर्विरोध राज्यसभा के सदस्य हो गये हैं। हालांकि इन चुनावों के नतीजे की आधिकारिक घोषणा 31 मार्च को होगी। राज्यसभा में अब आम आदमी पार्टी के सांसदों की संख्या बढ़कर 8 हो गयी है। तीन राज्यसभा सदस्य दिल्ली से हैं। उधर, भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के मुख्य एजेन्डे अर्थात् भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुहिम को तेजी से शुरू कर दिया है। बड़े-बड़े घोटालों की फाइलें फिर से खोली जा रही हैं।

आम आदमी पार्टी ने सत्ता संभालते ही भ्रष्टाचार के मामलों की फाइलों को खोलकर इनकी जांच दोबारा से शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सरकार के निर्देशों पर पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पटियाला के शंभू ब्लॉक में एक हजार एकड़ जमीन के अधिग्रहण में 80 करोड़ रुपये के ग्रामीण विकास घोटाले की जांच शुरू की है।

कथित तौर पर पंजाब के पटियाला जिले के शंभू ब्लॉक में पांच ग्राम पंचायतों को जमीन अधिग्रहण के लिए दिए गए 260 करोड़ मुआवजे में से 80 करोड़ रुपए की राशि के गबन करने के आरोप लगे थे। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि 260 करोड़ रुपये के मुआवजे में से कथित तौर पर 80 करोड़ की धनराशि के गबन के इस मामले में पैसे को खर्च करने के लिए न तो तकनीकी मंजूरी ली गई और न ही सक्षम प्राधिकारी से कोई अनुमति ली गई थी। एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सतर्कता ब्यूरो (वीबी) ने संबंधित अधिकारियों, व्हिसल ब्लोअर के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं और उन पांच गांवों के बैंक स्टेटमेंट को अपने कब्जे में ले लिया है जहां से धन की हेराफेरी की गई थी। गांवों में तख्तपुरा, सेहरा, सेहरी, आकरी, पाबरा शामिल हैं। एसएसपी वीबी मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, क्योंकि प्रथम दृष्टया में सरकारी अधिकारियों, सरपंचों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों की मिलीभगत है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिए जहां व्हाट्सएप नंबर जारी करने का ऐलान किया है वहीं ड्रग्स के मामलों से निपटने के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार ने शिअद नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के पुनर्गठन का आदेश दिया है। इस मामले में अब अपराध शाखा के पुलिस महानिरीक्षक, गुरशरण सिंह संधू, जो अपने व्यावसायिकता और स्वच्छ सेवा रिकॉर्ड के लिए जाने जाते हैं, एआईजी डॉ राहुल एस की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय टीम के कामकाज की निगरानी करेंगे। टीम के अन्य सदस्यों में एआईजी रंजीत सिंह, डीएसपी रघबीर सिंह और अमनप्रीत सिंह शामिल हैं।

पंजाब में नई सरकार के गठन के बाद से मुख्यमंत्री भगवंत मान एक्शन मूड में नजर में आ रहे हैं। भगवंत मान लगातार एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। गत 20 मार्च को उन्होंने मजीठिया ड्रग्स मामले के लिए एक नई एसआईटी के गठन का आदेश दिए और अब यही एसआईटी करोड़ों रुपये के ड्रग्स मामले की जांच करेगी। नई एसआईटी का गठन पंजाब पुलिस के आईजीपी गुरशरण सिंह संधु के नेतृत्व में किया गया है।

हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की भारी जीत के बाद मान को पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मान की तरफ से जारी पुलिस विभाग के लिए मजीठिया मामले में जांच का यह पहला आदेश है। चार सदस्यीय टीम में एआईजी एस राहुल, एआईजी रंजीत सिंह ढिल्लों, डीएसपी रघुबीर सिंह और पीपीएस अमरप्रीत सिंह हैं। नई एसआईटी से पहले एआईजी बलराज सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी इस मामले की जांच कर रही थी। बता दें कि पिछले साल 20 दिसंबर 2021 को एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। ड्रग्स मामले में आरोपी बिक्रम सिंह मजीठिया इस समय पटियाला जेल में बंद हैं। वह पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर सीट से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन वह चुनाव हार गए। मजीठिया को आप की जीवनज्योत कौर (50), एक सामाजिक कार्यकर्ता, ने हराया। मजीठिया ने 24 फरवरी को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। पंजाब में सत्ता हासिल करने के बाद अब आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर भी खुद को स्थापित करना चाहती है लेकिन चुनावी राजनीति में सियासी समीकरण के साथ-साथ सामाजिक समीकरण को भी साधना जरूरी है। देश में दलित मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी ने पंजाब से एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। पंजाब में 32 फीसदी दलित वोट पर नजर रखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति के 4 नेताओं को रखा गया है।

कैबिनट में शामिल हरपाल सिंह चीमा, उन 4 दलित मंत्रियों में से एक हैं, जो पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। भगवंत मान मंत्रिमंडल के 10 मंत्रियों ने 19 मार्च को शपथ ली थी। हालांकि रिपोर्ट है कि जल्द ही कैबिनेट में खाली 7 पदों को भी भरा जाएगा। बहरहाल, विचार-विमर्श के दौरान आम आदमी पार्टी ने इस समुदाय के 4 नेताओं को शामिल करके दलितों को उचित प्रतिनिधित्व देने का फैसला किया। पार्टी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में एक दलित चेहरे को चुनने के बावजूद समुदाय ने बड़े पैमाने पर आम आदमी पार्टी को वोट दिया।
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