संरक्षक हो जाये भक्षक

संरक्षक हो जाये भक्षक

मनोज कुमार मिश्र "पद्मनाभ
मान भला कब बचता है
सम्मान जहाँ पाता तक्षक
प्राण भला कब बचता है।
भीष्म द्रोण विदुर युधिष्ठिर
जब धारण कर लेंगे मौन
तड़प रही द्रौपदी की लाज
आखिर आकर बचाये कौन।
दुर्योधन ठोकता ताल है
बिछा शकुनि चौताल है
भीम गदा उठती नहीं
द्रौपदी का हाल बेहाल है।
चक्रसुदर्शन कर धारण
कृष्ण का हो अवतरण
गाँडीव का हो संधारण
नहीं होगा फिर चीरहरण।

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