कवि, कलाकार व यारबाज मान

कवि, कलाकार व यारबाज मान

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब चुनाव के लिए अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। सांसद भगवंत मान आप के सीएम कैंडिडेट होंगे। भगवंत मान जाने माने कमेडियन हैं। वे अच्छे कवि भी हैं और यारबाजी तो उनकी बेमिसाल है। द्वापर के कृष्ण सुदामा की याद आ जाती है। अपने गांव के सभी दोस्तों को हवाई जहाज की सैर करवा चुके हैं। पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने स्वयं ही उनके नाम का ऐलान किया। पंजाब में 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 फरवरी को चुनाव होंगे। भगवंत मान को 2017 में पार्टी का पंजाब प्रमुख बनाया गया था। पिछले लंबे समय से सीएम कैंडिडेट के दावेदार के तौर पर उनके नाम की अटकलें लगाई जा रही थीं और 18 जनवरी को उनके नाम पर आखिरकार मुहर लग गई। भगवंत मान के नाम के ऐलान के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मैं सरदार भगवंत मान को पंजाब में आप का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किए जाने पर बधाई देता हूं। पूरा पंजाब आप को एक उम्मीद के तौर पर देख रहा है। ये एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और मुझे यकीन है कि भगवंत हर पंजाबी के चेहरे पर मुस्कान लाएंगे।’

मान ने राज्य में बेरोजगारी खत्म करने समेत कई वादे किये हैं जो पार्टी के घोषणापत्र में भी शामिल हैं। सीएम का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद भगवंत मान ने कहा कि वो पंजाब को नशा मुक्त करेंगे। साथ ही उन्होंने बेरोजगारी खत्म करने का भी वादा किया। उन्होंने कहा, ‘मैं जब जनसभाओं में जाता हूं तो लोग मुझसे मिलकर अपना दर्द बताते हुए रो पड़ते हैं कि हमारे बच्चे गलत संगत में पड़ गए, चित्ताओं (चिताओं ) की लपट ऊंची होती जा रही है, हमें बचा लो।’ भगवंत मान ने कहा, ‘मैं हमेशा से कहता आया हूं कि मेरी ड्यूटी चाहे दीवारों पर पोस्टर लगाने की लगा दो, बस मेरा पंजाब ठीक कर दो. आज पंजाब के लाखों लोगों ने मुझ पर विश्वास जताया है. जिस पंजाब में लोग धरने दे रहे, बेरोजगारी से तंग आकर नहरों में छलांग लगा रहे हैं, युवा विदेशों की तरफ भाग रहा है. आप सभी उसी पंजाब की धरती पर लोगों को भंगड़े, गिद्दे डालते देखेंगे। भगवंत मान को लोग बतौर कॉमेडियन और एक राजनेता के रूप में जानते हैं। वे पंजाब में संगरूर लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार आम आदमी पार्टी के सांसद हैं और पार्टी की पंजाब इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले शीमा मंडी के करीब सतोज गांव में हुआ था। उनके पिता महिंदर सिंह एक सरकारी अध्यापक थे और मां हरपाल कौर गृहिणी हैं। स्नातक की पढ़ाई पूरी कर भगवंत मान कॉमेडी के क्षेत्र में आ गए। संगरुर के सुनाम शहीद उधम सिंह कॉलेज में पढ़ते हुए उन्होंने कॉमेडी और कविता में कई प्रतियोगिताएं जीतीं। इसके साथ ही वे प्रोफेशनल कॉमेडियन बन गए। बारहवीं करने के बाद उन्होंने बीकॉम में दाखिला लिया लेकिन कॉमेडी के प्रोफेशन में व्यस्त होने के कारण पढ़ाई बीच में छोड़ दी और 1992 से 2013 तक कॉमेडी की 25 एल्बम रिकॉर्ड करवाई। उन्होंने पांच गानों की टेप भी रिलीज की हैं। भगवंत मान ने 1994 से 2015 तक 13 हिंदी फिल्मों और विज्ञापनों में अपनी कला का प्रदर्शन किया है। ‘जुगनू’, ‘झंडा सिंह’, ‘बीबो बुआ’, ‘पप्पू पास’ जैसे कॉमेडी पात्र भगवंत मान की ही देन हैं। जगतार जग्गी और राणा रणबीर के साथ कॉमेडी कर चुके भगवंत मान ने ‘जुगनू मस्त मस्त’ जैसे कॉमेडी टीवी शो और ‘नो लाइफ विद वाइफ’ जैसे स्टेज शो किए हैं।

उनकी पहली कॉमेडी और गानों की पैरोडी की टेप 1992 में ‘गोबी दी ए कच्चिए व्यापारने’ आई थी। वे कॉमेडी की दुनिया में छा गए।

भाषण देने का शौक भगवंत मान को बचपन से था। उस वक्त उन्हें ये भी नहीं पता था कि वे कॉमेडी कलाकार बनेंगे या राजनेता। मनजीत सिद्धू बताते हैं कि ‘भगवंत मान खेतों में पानी देते समय और लकड़ी काटते समय ‘कस्सी’ के डंडे को ही माइक बना लेते थे और भाषण देते रहते थे। कॉमेडी टेप के जरिए राजनीति और समाज के मुद्दों के ऊपर व्यंग्य करना उनकी कला का प्रमुख सरोकार रहा है। इसी बीच मनप्रीत बादल से मुलाकात हुई और भगवंत मान को उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। भगवंत मान ने 2009-2010 में अखबारों के लिए नियमित कॉलम लिखना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने फाजिल्का इलाके में बच्चियों को अजीबो-गरीब बीमारी लगने की रिपोर्ट पढ़ी।

भगवंत मान अगले दिन ही नानक और आसपास के दोनों गांव में पहुंच गए। वहां पीने के पानी की समस्या थी, जिससे लोगों की हालत खराब हुई थी। कुछ अप्रवासी दोस्तों की मदद से भगवंत मान ने इस क्षेत्र में पानी का एक ट्यूबवेल लगाकर अपने स्तर पर कोशिश की। इस प्रकार की जनसेवा की बदौलत ही सन् 2014 में भगवंत मान ने मोदी लहर के बावजूद आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद लोकसभा का चुनाव जीता। भगवंत मान पार्टी के स्टार प्रचारक रहे हैं। अब 2022 के विधानसभा चुनाव में वे पार्टी के अकेले ऐसे नेता हैं जिनकी पूरे पंजाब में प्रचार करने की अपील है। उन्हें आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी शक्ति और सबसे बड़ी कमजोरी के रूप में भी देखा जाता रहा है। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के मीडिया सलाहकार और पूर्व पत्रकार मंजीत सिंह सिद्धू भगवंत मान के सहपाठी रहे हैं। उनके अनुसार भगवंत मान के व्यक्तित्व का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू ये है कि उनमें अपना पक्ष रखने की एनर्जी है। वे जितने जोश के साथ हजारों लोगों को संबोधित करते हैं उतने ही जोश और गंभीरता के साथ दो-चार लोगों से भी बात करते हैं। मंजीत सिद्धू के मुताबिक ज्यादातर लोग भगवंत को एक कॉमेडियन और नेता के तौर पर ही जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग ही यह जानते होंगे कि मान बहुत गहरे कवि भी हैं। हालाँकि वो कहते हैं कि उन्होंने अभी तक अपनी कविताओं की एक भी पुस्तक प्रकाशित नहीं करवाई है।

भगवंत मान को खेलों में भी दिलचस्पी है। उन्हें एनबीए, क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल मैच देखना पसंद है। वे दुनिया भर के खिलाड़ियों को फॉलो करते हैं । साथ ही उनके बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं। वे कभी-कभी रात में अलार्म लगाकर सोते हैं और रात को 2-3 बजे उठकर मैच देखते हैं। भगवंत मान ने अपने गांव के लगभग सभी सहपाठियों और मित्रों को हवाई जहाज में यात्रा करवाई है। मंजीत सिद्धू बताते हैं कि वे जब भी पंजाब के बाहर शो करने जाते हैं तो अपने किसी न किसी दोस्त को अपने साथ घुमाने ले जाते हैं। मोबाइल नंबर मौखिक रूप से याद रखना उनका एक खास गुण है। कहते हैं कि अखबार और रेडियो के साथ उनका खास लगाव है। वो सुबह उठकर अखबारों के जिलों तक के संस्करण देखते हैं। इनके बारे में वे कहते हैं इनसे राज्य के हर कोने के बारे में ग्राउंड की जानकारी मिलती है। रेडियो के ऊपर मैचों की कमेंट्री सुनना उनकी बचपन की आदत है और इसे उन्होंने आज तक नहीं छोड़ा है। इस प्रकार अरविंद केजरीवाल ने राज्य को यारबाज, कलाकार और स्टार प्रचारक चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में दिया है। उधर, कांग्रेस जिस दलित चेहरे को ट्रम्पकार्ड मान रही है, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू उसी को नाकारा साबित करने में लगे हैं। पंजाब में चुनावी माहौल के दौरान सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के कथित रिश्तेदार भूपेंद्र सिंह हनी पर अवैध खनन को लेकर इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की रेड कांग्रेस को संकट में डाल सकती है। रेत के अवैध खनन को लेकर पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। यही नहीं, आम आदमी पार्टी रेत खनन के मामले में चन्नी सरकार को घेरती रही है। हालांकि सीएम चन्नी ने मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनके परिवार का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। इस तरह मान अब चरणजीत सिंह चन्नी पर भारी पड़ सकते हैं। (हिफी)
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