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हिन्दू धर्म का अपमान करनेवालों के विरोध में शिकायत प्रविष्ट करें और न्यायालयीन संघर्ष करें ! - श्री. प्रशांत संबरगी, चित्रपट निर्माता

हिन्दू धर्म का अपमान : मुनव्वर फारुखी की आजादी ?’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद !
हिन्दू धर्म का अपमान करनेवालों के विरोध में शिकायत प्रविष्ट करें और 
न्यायालयीन संघर्ष करें ! - श्री. प्रशांत संबरगी, चित्रपट निर्माता

         विविध कार्यक्रमों में हिन्दू धर्म के विषय में विनोद किया जा रहा होतो उस पर तभी आपत्ति नहीं उठाई जाती । जब तक दर्शक जागरूक नहीं होतेजागरूक हिन्दू इसके विरोध में आवाज नहीं उठातेतब तक विविध कार्यक्रमों द्वारा ‘अभिवयक्ति की स्वतंत्रता’ के नाम पर हिन्दू धर्म का अपमान किया जाएगा । हिन्दुओं को अब आगे आकर इसके विरोध में शिकायत प्रविष्ट कर न्यायालयीन संघर्ष करना चाहिएऐसा आवाहन कर्नाटक के विख्यात चलचित्र निर्माता और उद्योजक श्रीप्रशांत संबरगी ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘हिन्दू धर्म का  अपमान मुनव्वर फारुकी की आजादी ?’ इस विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।

          श्रीसंबरगी ने कहा कि ‘इस देश में हिन्दू और मुसलमान के लिए दो अलग-अलग ‘अभिव्यक्ति स्वतंत्रता’ है ! ‘विश्‍व में केवल इस्लाम धर्म है’ ऐसा कट्टर मुसलमान मानते हैं । विश्‍व में मोहम्मद पैगंबर अथवा इस्लाम के विषय में किसी ने कुछ भी कहातो उनकी हत्या की जाती हैघर जला दिए जाते हैं । हिन्दू धर्म का अपमान करने के लिए ‘बॉलीवुड’ को बहुत अधिक मात्रा में पैसा दिया जाता है और इन चलचित्रों से हिन्दुओं और हिन्दू धर्म का अनुचित चित्रण किया जाता है । इस षड्यंत्र के विरोध में हमें जागरूक होकर उसका विरोध करना आवश्यक है ।’

         सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती मणि मित्तल ने कहा कि ‘मुनव्वर फारुखी उस कडी का हिस्सा हैेजिसका आरंभ मकबूल फिदा हुसेन से हुआ था । मुनव्वर फारुखी ‘कलाकार’ के नाम पर कलंक है । जिस सनातन धर्म को हम मानते हैंउसके विषय में विनोद करनाहिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करनायह काम ‘स्टैंड-अप कॉमेडी’ के माध्यम से किया जा रहा है । यह अनुचित है । इसे रोकना चाहिए तथा जागृत होकर इसका विरोध करना आवश्यक है । इस संवेदनशील विषय के विरोध में जीतने के लिए हमें संघर्ष करना होगा । हिन्दू धर्म की अवमानना के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका कठोर और स्पष्ट नहींऐसा खेदपूर्वक कहना होगा ।’

           दिल्ली के उच्च न्यायालय के अधिवक्ता युधवीर सिंह चौहान ने कहा कि ‘हम जिस धर्म को मानते हैंउसके विषय में विनोद किया जाता है । हिन्दू देवताओं का अपमान किया जाता है और हिन्दू सहन करते हैं । वे हिन्दुओं की सहनशीलता की परीक्षा ले रहे हैं विनोद के नाम पर हिन्दू धर्म का अपमान करनेवालों के विरोध में विभिन्न स्थानों पर शिकायत प्रविष्ट करना आवश्यक है । तब कहीं हिन्दू धर्म का अपमान करनेवालों को हम सबक सिखा पाएंगे । अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए इस देश में अनेक कानून हैपरंतु बहुसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कानून कहां हैं ?’

          हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्रीमोहन गौडा ने कहा कि ‘हिन्दू धर्म का अपमान करने पर अब तक हिन्दुओं ने संवैधानिक मार्ग से विरोध किया है । मनुव्वर फारुखीकुणाल कामरा ने विभिन्न कार्यक्रमों में हिन्दू धर्म का अपमान किया है । हिन्दू देवताओं का अपमान करनायह कौन-सी कला है यदि किसी ने इस्लाम का अपमान किया होतातो देश में क्या वातावरण होता हिन्दू देवताओं का उपहास उडानेवालों को कठोर दंड होना चाहिएइसलिए हम शासन से ‘ईशनिंदा विरोधी कानून’ बनाने की मांग करते हैं ।’
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