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हरियाणा में जेजेपी की चिंता

हरियाणा में जेजेपी की चिंता

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
हरियाणा मंे चैधरी देबीलाल के परिवार से बिखरे लोगों की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) अपने आधार को मजबूत करना चाहती है। राज्य मंे भाजपा ने जेजेपी के सहयोग से सरकार बनायी। जेजेपी ने इसके लिए भरपूर सौदेबाजी भी की लेकिन किसान आंदोलन को लेकर जेजेपी ने भाजपा पर दबाव बना रखा था। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के एक बयान ने आग मंे घी का काम किया था। जेजेपी नेता अब राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने तीनों विवादास्पद कानून वापस ले लिये हैं। जेजेपी इस मामले मंे भी किसानों की सहानुभूति लेना चाहती है। इसीलिए जेजेपी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चैटाला ने गत दिनों तीनों कृषि कानूनों की वापसी मंे हुई देरी के लिए खेद जताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आन्दोलन के चलते किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस होंगे। इसका फैसला भी केन्द्र सरकार को करना है। जेजेपी नेता ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की भी बात कही है। जेजेपी का 9 दिसम्बर को स्थापना दिवस मनाया जाएगा। दरअसल, अभी कुछ दिन पहले (2 नवम्बर) को उपचुनाव के नतीजे मंे ओमप्रकाश चैटाला की पार्टी ने भाजपा और जेजेपी के साझा उम्मीदवार को पराजित किया है। इसके बाद से जेजेपी चिंतित दिख रही है। अभय चैटाला को जीत किसान आंदोलन से ही मिली थी।
तीनों कृषि कानूनों की वापसी में हुई देरी के लिए जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चैटाला ने खेद प्रकट किया है। हालांकि उन्होंने खुशी भी जताई कि किसानों की मांग पूरी हुई और अब कृषि कानूनों पर फैसला हो चुका है। लोकसभा और राज्यसभा में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का विधेयक ध्वनि मत से पास हो चुका है। हरियाणा सरकार में साझेदर जेजेपी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चैटाला ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस विषय पर केंद्र से बात करेंगे और अगर वहां बात नहीं बनी तो भी वे हरियाणा में दर्ज मुकदमे वापस लेंगे। दिग्विजय चैटाला ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार को मुआवजा देना चाहिए। मुआवजा कितना, क्या और कैसे होगा, इसके लिए किसान संगठनों से बातचीत करके फैसला किया जा सकता है। दिग्विजय चैटाला ने किसान स्मृति स्थल का भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस पर जल्द फैसला ले। उन्होंने कहा कि किसान यादगार स्थल बहादुरगढ़ या फिर सिंघु बॉर्डर पर बनाया जा सकता है। वहीं कृषि कानूनों की वापसी का स्वागत करते हुए दिग्विजय ने उम्मीद जताई है कि किसान अब अपने घरों को वापस लौट जाएंगे। एमएसपी की डिमांड का भी दिग्विजय चैटाला ने समर्थन किया है। दिग्विजय चैटाला बहादुरगढ़ में जजपा कार्यकर्ताओं से मिलने आए थे। दिग्विजय चैटाला ने कार्यकर्ताओं को 9 दिसंबर को झज्जर में होने वाले जननायक जनता पार्टी के स्थापना दिवस समारोह का न्योता दिया और ज्यादा से ज्यादा संख्या में कार्यकर्ताओं को समारोह में लाने की जिम्मेदारी भी सौंपी। दुष्यंत चैटाला ने पेपर लीक और नौकरी फ्रॉड मामले में सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। दुष्यंत चैटाला ने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत जेजेपी ने सरकार में साझेदार रहते हुए जनता के काम किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 75 फीसदी आरक्षण के फैसले के चलते आने वाले 2 सालों में सवा लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। जिसके लिए लोग जननायक जनता पार्टी को हमेशा याद रखेंगे।
दिग्विजय चैटाला ने यह भी वायदा किया कि पांचवें साल और चुनाव में दोबारा वोट मांगने से पहले बुजुर्गों को 51 सो रुपए पेंशन भी देने का काम किया जाएगा। यानी कि जेजेपी अगले चुनाव से पहले बुजुर्गों को 51 सो रुपए पेंशन का वायदा भी पूरा करवाएगी।
जेजेपी की यह बेचैनी ऐलनाबाद उपचुनाव में पराजय को लेकर है। ऐलनाबाद विधानसभा चुनाव की मतगणना के अंतिम राउंड में अभय सिंह 6708 वोटों से चुनाव जीत गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा जजपा प्रत्याशी गोबिंद कांडा को 6708 वोटों से हराया। अभय सिंह को कुल 65897 वोट मिले हैं जबकि गोबिंद कांडा को 59189 तथा कांग्रेस के पवन बैनीवाल को 20857 वोट मिले हैं। इस चुनाव में बेशक भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है लेकिन उसने रिकार्ड वोट लिये है जबकि कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई है। इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चैटाला की जीत का अंतर भी घटा है। इससे पहले उन्होंने ऐलनाबाद सीट से चुनाव 11922 वोटों से जीता था। ऐलनाबाद उपचुनाव में कुल एक लाख 86 हजार 416 मतदाताओं में से एक लाख 51 हजार 524 लोगों ने मतदान किया था। चुनाव में 81।42 फीसद मतदान हुआ था।मतगणना के दौरान इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चैटाला भी केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैं जीत रहा हूं। मेरी जीत किसानों की जीत है। बीजेपी ने रुपये बांटे हैं और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है। नैतिकता के नाते सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा भी सतर्क है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कहते हैं कि कृषि कानूनों का समाधान होने के बाद केंद्र के निर्देशों के मुताबिक उनकी सरकार किसानों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने पर निर्णय करेगी। खट्टर ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेना राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में हैं और उन्हें इस पर निर्णय करना होगा। खट्टर ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘जब इस मुद्दे का समाधान होगा तो उस वक्त केंद्र जो कहेगा, उसके अनुसार हम निर्णय लेंगे।
ऐलानवाद की जीत से बीजेपी और जेजेपी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में इनेलो विधायक अभय सिंह चैटाला के इस्तीफा देने के कारण ऐलनाबाद में उपचुनाव हुआ था। इस सीट पर इनेलो ने अभय चैटाला, हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन ने गोबिंद कांडा और कांग्रेस ने पवन बैनीवाल को टिकट दिया था। अभय सिंह चैटाला की ये लगातार तीसरी जीत है। इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चैटाला का यह तीसरा उपचुनाव था। इनेलो के बढ़ते रथ से जेजेपी परेशान है। (हिफी)

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