‌भारत रत्न महामना मालवीय एवं बाजपेई जी के जीवन से पत्रकारों को सिखने की आवश्यकता है :- डॉ राकेश दत्त मिश्र, सम्पादक दिव्य रश्मि

‌भारत रत्न महामना मालवीय एवं बाजपेई जी के जीवन से पत्रकारों को सिखने की आवश्यकता है :- डॉ राकेश दत्त मिश्र, सम्पादक दिव्य रश्मि

आज पटना में दिव्य रश्मि के कार्यालय में पण्डित महामना मदनमोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर जन्म जयंती समारोह का आयोजन किया गया | अपने संवाददाताओं को संवोधित करते हुए बताया कि हमें उनके दृढ निश्चय के आदर्शो को अपनाना होगा बाजपेई जी की कविता को आत्मसार करने की आवस्यकता है “हार नहीं मानुगा, रार नहीं ठानुगा , काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ गीत नया गाता हूँ एवं मालवीय जी की इक्षा शक्ति के कारण ही काशी में हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना कर पाये |पं.मदन मोहन मालवीय महान देश भक्त और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक रहे हैं । इनका जन्म 25.12.1861 को भारत की पवित्र नगरी प्रयाग राज में हुआ था ।उनके पूर्वज आजीविका के लिए मध्यप्रदेश के मालवा से आए थे,अत: मालवीय कहलाए । मालवीय जी उच्च कोटि के अधिवक्ता, अमर स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय संस्कृति के परम पुजारी थे । उन्होंने सन 1915 में अखिल भारत हिंदू महासभा की स्थापना की एवं सन 1916 में बनारस हिंदू काशी विश्वविद्यालय की स्थापना की । मालवीय जी का आकस्मिक निधन 12.11.1946 को वाराणसी में हो गया था । वे स्वतंत्र भारत का सपना अपने दिल में लिए इस दुनिया से चले गए । उनके द्वारा की गई सेवाओं के लिए कृतज्ञ राष्ट्र ने उन्हे 24.12.2014 को मरणोपरांत भारत रत्न का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया ।

कार्यक्रम में पत्रिका के उपसंपादक सुबोध कुमार सिंह , पटना ब्यूरो सुबोध सिंह “राठौड़”, संवाददाता दिलीप कुमार, पप्पू कुमार, जितेन्द्र कुमार सिन्हा, रविन्द्र सिंह, बिनोद सिंह, सत्येन्द्र कुमार पाठक, लक्ष्मण पाण्डेय, कन्हैया तिवारी, देवेन्द्र प्रताप सिंह, पियूष रंजन, आदित्य कुमार, अभय कुमार एवं अमर आदि उपस्थित थें सभी ने महामना एवं पूर्व प्रधानमन्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और उन्हें नमन किया |
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