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मानसिक स्थिरता देता है शिव संकल्प -सूक्त का पाठ

मानसिक स्थिरता देता है शिव संकल्प -सूक्त का पाठ

कहावत है - 'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत'। मनोबल ऊंचा हो तो कठिन भी सरल हो जाता और मनोबल कमजोर हो तो छोटी -सी घटना मनुष्य को तोड़ देती है। इसीलिए शास्त्रकारों ने भी मन को मजबूत व नियंत्रित करने की बात की है। चंचल मन मान जाए तो भोग में भी योग तथा योग में भी भोग संभव है। इसलिए मानसिक स्थिरता के लिए सूर्य का उपस्थान एवं सात परिक्रमा आवश्यक है। चूंकि चन्द्रमा मन का प्रतीक है ,इसलिए पूर्णिमा का व्रत व चन्द्र -मन्त्र का जप भी लाभकारी माना गया है। इसके अतिरिक्त भी अनेक धार्मिक व ज्योतिषीय उपचार हैं। सबसे सहज है यजुर्वेद के शिव संकल्प -सूक्त का पाठ। मात्र छह मन्त्र हैं ,जिनमें मन की सारी स्थितियों के वर्णन के साथ -साथ उससे सत्कर्म -परायण होने की प्रार्थना की गई। इनके नित्य पाठ से केवल विद्यार्थी -परीक्षार्थी ही नहीं ,मनोरोगी और वे सभी लोग लाभान्वित हो सकते हैं, जिनका काम में मन नहीं लगता है ,जी घबराता है।
पाठ के पूर्व शुद्ध स्थान एवं आसन पर शुद्धता पूर्वक बैठ जाना चाहिए और शुद्ध हाथ में शुद्ध जल लेकर विनियोग करना चाहिए। विनियोग -मन्त्र पढ़कर जल धरती पर गिरा देना चाहिए।
ॐ अस्य शिवसंकल्प -सूक्तस्य याज्ञवल्क्य ऋषिः त्रिष्टुप् छन्दः मनो देवता मनः प्रीतये जपे विनियोगः। (इतना कहकर जल गिरा दें। इसके बाद पाठ प्रारम्भ करें। )
ऊं यज्जाग्रतो दूरमुदैति दैवं तदु सुप्तस्य तथैवेति। दूरंगमं ज्योतिषां ज्योतिरेकं तन्मे मनः शिव -संकल्पम् अस्तु।
येन कर्माण्यपसो मनीषिणो यज्ञे कृण्वन्ति विदथेषु धीराः। यदपूर्वं यक्षम् अन्तः प्रजानां तन्मे मनः शिव -संकल्पम् अस्तु। ।
यत्प्रज्ञानमुत चेतो धृतिश्च यज्ज्योतिः अन्तः अमृतं प्रजासु। यस्मात् न ऋते किंचन कर्म क्रियते तन्मे मनः शिव-संकल्पम् अस्तु। ।
येनेदं भूतं भुवनं भविष्यत् परिगृहीतम् अमृतेन सर्वम्। येन यज्ञः तायते सप्तहोता तन्मे मनः शिव-संकल्पम् अस्तु।
यस्मिन् ऋचः साम -यजूंषि यस्मिन् प्रतिष्ठिता रथनाभौ आराः। यस्मिन् चित्तं सर्वमोतं प्रजानां तन्मे मनः शिव-संकल्पमस्तु।
सुषारथिः अश्वान् इव यन्मनुष्यान् नेनीयते भीशुभिः वाजिन इव। हृत् -प्रतिष्ठं यदजिरम जविष्ठं तन्मे शिव -संकल्पम् अस्तु। । इन मन्त्रों का कम -से -कम एक बार अवश्य पाठ करें। यदि आनुष्ठानिक विधि से 108 ,11000 ,125000 बार पाठ किया जाए तो मन अधिक मजबूत होगा।
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