दीप मालिका
---:भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र"अणु"
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बढ रही है अमा निशा।
निस्तब्ध है दिशा-दिशा।।
करने को तम का नाश।
दीपक फैला रहा प्रकाश।।
आई लक्ष्मी,कुबेर,गणेश।
हरने दारिद्र और क्लेश।।
जगमगा रही है दीप मालिका।
जय हो देवी विश्व संचालिका।।
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