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गंगा महासभा के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संस्कृति संसद का आयोजन 12-13 एवं 14 नवंबर 2021 को वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है ।

गंगा महासभा के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संस्कृति संसद का आयोजन 12-13 एवं 14 नवंबर 2021 को वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में  आयोजित किया जा रहा है ।

इस अनूठे आयोजन में भाग लेने के लिए गंगा महासभा बिहार-झारखंड के उपाध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार शीघ्र ही वाराणसी के लिए रवाना हो रहे हैं ।

श्री पोद्दार ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय संस्कृति संसद में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावे गृह मंत्री अमित शाह समेत देश दुनिया में भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रतिनिधित्व करने वाले संत-महात्मा , विद्वत जन ,  राजनीतिज्ञ , उद्यमी , रक्षा विशेषज्ञ , विधिवेत्ता समेत विभिन्न क्षेत्रों के नीति निर्धारकों को आमंत्रित किया गया है ।

संस्कृति संसद  सनातन धर्म पर उठने वाले सभी प्रश्नों के जवाब देगी एवं सामाजिक विसंगतियों पर चर्चा कर उन्हें दूर करने के उपाय किये जायेंगे ।

अखिल भारतीय संत समिति व  श्री काशी विद्वत परिषद के संयुक्त मार्गदर्शन में होने वाला वैश्विक आयोजन अपने आप में अनूठा होगा यह खास संसद न  सिर्फ सनातन धर्म व संस्कृति अपितु राष्ट्रीय व वैश्विक परिप्रेक्ष्य में समाज और धर्म का स्वरूप तय करेगी इससे निकलने वाला विमर्श देश के प्राण तत्व को आलोकित करेगा ।

बताया कि हर 2 वर्ष पर आयोजित होने वाली यह चौथी संस्कृति संसद होगी ।

श्री पोद्दार ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय संस्कृति संसद में 12 मुख्य सत्र व चार समानांतर सत्र होंगे ।
तीन दिवसीय संस्कृति संसद में कुल 16 सत्र होंगे । इसमें 12 इसके मुख्य व 4 इसके समानांतर चलेंगे ।
इसका उद्घाटन 12 नवंबर को सुबह 10:00 बजे किया जाएगा ।

12 नवंबर 
उद्घाटन सुबह 10:00 बजे 

1) सनातन धर्म के अनुत्तरित प्रश्न दोपहर 1:30 बजे 

2) भारत की प्राचीनतम अखंडित संस्कृति की वैश्विक छाप एवं वर्तमान परिदृश्य दोपहर 3 बजे 

13 नवंबर 
3) ढाई मोर्चा के युद्ध पर भारत सुबह 10:00 बजे 

4) राष्ट्रीय सुरक्षा में आम नागरिकों की भूमिका सुबह 11:30 बजे 

5) हिंदू होलोकास्ट : हिंदू संस्कृति पर 2000 वर्षों तक हुए हमले दोपहर 12:30 बजे 

6) उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 एवं अन्य धार्मिक कानून धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदूओ का दमन दोपहर 2:30 बजे 

7) कलयुग की प्रत्यक्ष तीर्थ मां गंगा शाम 4:00 बजे 

14 नवंबर 
8) राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं परंपरागत भारतीय शिक्षा सुबह 10:00 बजे 

9) कला संस्कृति के आवरण में परोसी जा रही विकृति सुबह 11:30 बजे 

10) योग : विश्व को भारत का उपहार दोपहर 12:30 बजे 

11) मंदिर सामाजिक , आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र कैसे बने दोपहर 2:30 बजे

12) छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भारतीय इतिहास के साथ वामपंथियों के षड्यंत्र दोपहर 3:30 बजे


समानांतर सत्र 

13 नवंबर 
1) हिंदू मंदिरों का प्रबंधन हिंदुओं के द्वारा सुबह 11:00 बजे 

2) युगानुकूल आचार संहिता एवं हिंदुओं के धार्मिक निर्णय दोपहर 3 बजे 

14 नवंबर 
3) भारत के प्रत्येक संप्रदाय को शिक्षण एवं सांस्कृतिक संस्थानों के संचालन की स्वतंत्रता सुबह 11:00 बजे 

4) एक देश एक विधान , हमारा देश हमारे कानून दोपहर 3:00 बजे
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