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मत देख

मत देख

   ✍️ ---:भारतका एक ब्राह्मण.
           संजय कुमार मिश्र "अणु"
मुझमें और कुछ खास मत देख,
मेरा दिल देख लिवास मत देख।१।
मैं भीतर से बहुत खुश हूँ आज,
मेरी निगाहों को निराश मत देख।२।
बहुत हरिभरी है अंदर की जमीन,
बाहर में उपर आकाश मत देख।३।
तुम मेरे साथ हो यही बडी बात है,
किसी और की तलाश मत देख।४।
यदि जिंदगी जिंदादिल है तो फिर-
मरी अरमानों की लाश मत देख।५।
तुम मुझे चाहती हो आकर मिल लो-
कब कौन है आसपास मत देख।६।
मुझे अरमानों का ख्वाब सजना है,
इसलिए कोई अवकाश मत देख।७।
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वलिदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२.
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