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कोरोना महामारी के संकटकाल में दिल्ली में दीपावली के पटाखों पर रोक, विनाशकाले-विपरीत बुद्धि- हिन्दू महासभा - हिन्दू संगठन

कोरोना महामारी के संकटकाल में दिल्ली में दीपावली के पटाखों पर रोक, विनाशकाले-विपरीत बुद्धि- हिन्दू महासभा - हिन्दू संगठन

  • दीपावली के पटाखों की जीवाणुनाशक गंधक से बनी सल्फर डाई आक्साईड गैस ही कोरोना महामारी का खात्मा चीन की तरह करेगी- इंजीनियर मानिक देशमुख
अखिल भारत हिन्दू महासभा के मेरठ मंडल के अध्यक्ष श्री नितिन त्यागी जी के नेतृत्व में हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शन करके सी आई ए की ऐजेन्ट हिन्दू विरोधी ताकतों द्वारा दीपावली के पटाखों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान पर चिन्ता जतायी गयी और केन्द्र सरकार से मांग की कि वो तत्काल दिल्ली प्रदूषण निवारण समिति और दिल्ली पुलिस द्वारा में दीपावली के पटाखों की बिक्री व छुटाने पर लगाये प्रतिबन्ध को निरस्त करे। ताकि पटाखों की कमी से जूझ रहे मेरठ और राष्ट्र्रीय राजधानी क्षेत्र के व्यापारी दिल्ली से पटाखे खरीद कर पटाखों को बच्चे-बच्चे तक वाजिब कीमत पर पहुंचा सके।
प्रदर्शन कारियों को सम्बोधित करते हुए धर्म रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मानिक देशमुख ने 5 जनवरी 2018 की प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की उस रिर्पोट का हवाला देते इुए कहा जिसमें कहा कि दिल्ली क्षेत्र में पटाखें जलाने से आबो हवा पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। श्री देशमुख ने दीपावली 2018, 2019 और 2020 के भारत सरकार की सक्षम ऐजेन्सियों के आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि यें आकड़े साफ करते है कि दीपावली के पटाखों से वायु की गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। उसके बाद भी सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों और अन्य जजों द्वारा लगातार दीपावली के पटाखों की फैक्ट्रियों को उजाड़ा जा रहा है। दुकानों को लाईंसेस जारी नहीं करने दिये गये। इससे सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायाधीश ए के सीकरी और एस ए बोबड़े की बेईमानी साफ- साफ पकड़ी गयी। श्री देशमुख ने खुलासा किया कि अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश कौशिक ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका संख्या 37900/2018 लगाकर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों को आगाह किया था कि सी आई ए के ऐजेन्टो द्वारा दीपावली के पटाखों पर रोक लगाकर 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को महामारी फैलाकर मारने साजिश रची जा रही है।
श्री देशमुख ने खुलासा किया कि हमने ओजस्वी पार्टी के द्वारा 22-10-19 को हरित अधिकरण में दीवाली के पटाखों की दुकान खुलवाने के लिये एक याचिका संख्या 0701102/00234 ओजस्वी पार्टी बनाम् भारत सरकार लगायी। उसमें हमने साबित किया कि दीपावली के पटाखों से कोई प्रदूषण नहीे फैलता। किन्तु इस याचिका पर सुनवाई होने पर इन सी आई ए के पेरोल पर काम कर रहे देशद्रोहियों को पटाखों की दुकाने खोलने का अदेश देना होगा। इसलिये इन बेईमानों ने फैसला लिया कि इस याचिका की सुनवाई दीपावली के बाद करेंगे। हमने जब इस मामले को 24-10-19 को लगाने का अनुरोध डिप्टी रजिस्ट्रार सुधा प्रीतम और रजिस्ट्रार कपिल मेहता से किया तो बेईमानों के यह टोली बदतमीजी पर उतर आयी। बाद में इस याचिका पर जनवरी 2020 को पर्यावरण मंत्रालय व सरकार को नोटिस जारी किये गये। किन्तु
प्रदर्शनकारियो को सम्बोधित करते हुए हिन्दू महासभा की सामूहिक प्रयास अध्यक्षा रजनी सक्सेना ने श्री मानिक देशमुख के उच्च विचारों से सहमति जताते हुए कहा कि देश कि अर्थ व्यवस्था को चैपट करने और भारत को पाकिस्तान की तरह ही कंगाल बनाने की साजिश में शामिल होकर सर्वोच्च न्यायालय के जजों ने अपने भ्रष्टाचारी गुरू मुख्य न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन् की राह पर चलकर सी आई ए की भारत की अर्थव्यवस्था को चैपट करने की देशद्रोही साजिश में शामिल होकर पटाखों को बिना किसी आधार के प्रदूषण कारी बताया और पटाखा उद्योग को बर्बाद करके राजस्व को 10000 करोड़ रूपयों की चोट पहुंचायी। इसी के साथ-साथ 8 लाख हिन्दुस्तानियों को भी बेरोजगार किया। रजनी सक्सेना ने भंडाफोड़ किया कि सर्वोच्च न्यायालय के जजों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के चैयरमैन बनकर बेईमानी पूर्वक निराधार हिन्दू त्यौहारों को निशाना बनाया और भारत सरकार द्वारा बनाये कानूनों का उल्लंघन करने में पी एच डी हासिल कर ली। सी आई ए के ऐजेन्ट मनोज मिश्रा और खूंखार नक्सली ईसाई आतंकवादी मधु भादुड़ी के पे रोल पर काम करने वाले यें एन जी टी के चैयरमैन जज साहेब इतने बड़े बेईमान है कि खुली अदालत में हुई जिरह का फैसला यें साहेब बन्द कमरे में लिखकर नेट पर डाल देते है। बकरा ईद पर काटे जा रहे पशुओं का खून नालियों के जरिये यमुना में न जाने देने ं के हरित अधिकरण के ओजस्वी पार्टी की याचिका संख्या 434/2015 में दिये फैसले में लगायी अनुपालन याचिका 31/2019 का फैसला इन साहंब ने बकरा ईद समाप्त होने के बाद नेट पर डाल दिया। जबकि हरित अधिकरण एक्ट 2010 के नियम 23 में साफ लिखा है कि फैसला खुली अदालत में सुनाया जायेगा। क्यों कि जज साहेब ने सर्वोच्च न्यायालय में पढ़कर बेईमानी में पी एच डी कर ली है। इस लिये यें साहेब बन्द कमरे में चोरों की तरह बैठ कर फैसला लिखते है।
दर्जन भर हिन्दू संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकारियो को सम्बोधित करते हुए हिन्दू महासभा के मेरठ मंडल के अध्यक्ष श्री नितिन त्यागी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में बैठे सी आई ए के ऐजेन्ट प्रशान्त भूषण और इन्दिरा जय सिंह जैसे वकीलों, भ्रष्टाचार में पी एच डी कर चुके के जी बालाकृष्णन् और उसके द्वारा नियुक्त जजों और प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले खूंखार नक्सलवादियों और ईसाई आतंकवादियों की जमानत याचिकाओं पर देश के तीन उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में तत्काल सुनवाई कराने वाले रजिस्ट्रार आफिस के आतंकवादियों के साथी अफसरों की बेईमानी, भ्रष्टाचार और आतंकवाद की जांच सी बी आई से कराने की मांग की। श्री नितिन त्यागी ने आतंकवादियों के इन साथियों की गिरफ्तारी गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक कानून के तहत करने की मांग की।
श्री त्यागी ने कहा कि यही चोरों वाली हरकत इन राष्टीय हरित अधिकरण के बेईमान जजों ने ओजस्वी पार्टी की यमुना में फूल-मूर्ति विसर्जन के समर्थन में लगायी मूल याचिका संख्यां 839/2019 में की। बारम्बार अनुरोध के बाद भी इन जज साहेब ने फैसला खुली अदालत में नहीं सुनाया। क्योंकि सी आई ए और उसके ऐजेन्ट मनोज मिश्रा के साथ मिलकर इन साहेब को यमुना की मछलियों को भूखों मारने और विसर्जन के लिये गड़ढे खुदवाने के नाम पर अरबों रुपयों का घोटाला करने का सुअवसर मिला था।
श्री त्यागी ने बताया कि अखिल भारत हिन्दू महासभा द्वारा पटाखों के समर्थन में लगायी याचिका संख्या 37900/2018 की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय ने आज तक नहीं की। जब कि इस याचिका में हमने 2018 में ही भविष्यवाण कर दी थी कि पटाखों में जीवाणुनाशक शक्ति युक्त गंधक होती है और सर्वोच्च न्यायालय में पटाखों के खिलाफ याचिका लगाने वाला देशद्रोही गिरोह दीपावली के पटाखों पर रोक लगाकर 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को महामारी फैलाकर मारने की सी आई ए की साजिश में शामिल है। यह भविष्यवाणी और चेतावनी सच होने के बाद भी 16 अक्तूबर 2020 के कोरोना संकटकाल में सर्वोच्च न्यायालय ने बिना सुने ही इस याचिका को निरस्त कर दिया। श्री त्यागी ने आगे बताया कि इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने देशदोहियों की जमात द्वारा लगायी याचिका संख्या 728/015 पर सुनवाई करते हुए कोरोना संककाल में ही 2020 की दीपावली पर पटाखें छुड़ाने पर रोक लगाकर उस कहावत को सत्य साबित कर दिया जो कहती है विनाश काले-विपरीत बुद्धि। रामराज्य स्थापना मंच की अध्यक्ष ममता त्यागी ने कहा सन 2021 की दीपावली के पहले ही हिन्दू संगठनों द्वारा जनता को जागृत किया जा रहा है। हिन्दू संगठनों ने हिन्दू महासभा के मेरठ मण्डल अध्यक्ष श्री नितिन त्यागी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और सी बी आई को ज्ञापन देकर मांग की कि सर्वोच्च न्यायालय, एन जी टी के बेईमान जजों, वकीलों और रजिस्ट्रारों के देशद्रोह और भारत के उद्योग धन्धों को बर्बाद करने साजिश की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो जैसी सक्षम ऐजेन्सी से करायी जाये।
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