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प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 सिपाही विद्रोह के महानायक अमर शहीद जयमंगल पाण्डेय की जन्मस्थली खिरगांव हजारीबाग में शहीद का 264 वां बलिदान दिवस उनके वंशजों एवं देश भक्त नागरिकों ने शहीद के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित की ।

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 सिपाही विद्रोह के महानायक अमर शहीद जयमंगल पाण्डेय की जन्मस्थली खिरगांव हजारीबाग में शहीद का 264 वां बलिदान दिवस उनके वंशजों एवं देश भक्त नागरिकों ने शहीद के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित की । 


हजारीबाग से हमारे संवाददाता भावेश मिश्र की खबर 

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 सिपाही विद्रोह के महानायक अमर शहीद जयमंगल पाण्डेय की जन्मस्थली खिरगांव हजारीबाग में शहीद का 264 वां बलिदान दिवस उनके वंशजों एवं देश भक्त नागरिकों ने शहीद के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित कर‌ मनाए, बताते चलें कि आज के ही दिन 4 अक्टूबर सन् 1857 में डोरंडा बटालियन के सुबेदार जयमंगल पाण्डेय नादिर अली खान सहित 150 से अधिक सिपाहियों को चतरा के फांसी तालाब के पास आम के पेड़ में लटकाकर अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी । कहा जाता है कि वहां शहीद होने से पूर्व अंग्रेजों एवं शहीदों के बीच घमासान युद्ध हुआ था जिसमें अपने शौर्य का परिचय देते हुए शहीदों ने 77 अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया था जिनकी कब्र आज भी चतरा की पावन धरती पर मौजूद हैं इस महानायक के इतिहास से उनकी वीरगाथाओं से हजारीबाग गौरवान्वित है हजारीबाग वह ऐतिहासिक धरती है जहां के सपूत ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अपन प्राणों की आहुति दी है सम्पूर्ण हजारीबाग सहित पूरे देश को ऐसे शहीद पर गर्व है ।
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