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वरिष्ठ नागरिक सामाजिक समरसता का धरोहर

वरिष्ठ नागरिक सामाजिक समरसता का धरोहर 

जहानाबाद ।  समाजिक चेतना  का  महत्वपूर्ण धरोहर  बुजुर्ग  व वरिष्ठ नागरिक है । सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर वरिष्ठ नगरी संगोष्ठि के जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन जहानाबाद के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा    ज्ञान का विशाल भंडार एवं  इतिहास की जीती जागती स्मृतियां बुजुर्ग हैं। बुजुर्ग  जीवन के विविध क्षेत्रों में देने के लिए सलाह, समर्थन और मार्ग दर्शन है। प्रत्येक वर्ष 21 अगस्त को वर्ल्ड  सीनियर सिटीजन डे व विश्व  वरिष्ठ नागरिक दिवस   मनाते हैं।
समाज के बुजुर्गों के जीवन, उपलब्धियों और उनसे जुड़े मुद्दों के लिये विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस समर्पित है। बुजुर्ग सरकार, व्यापार, विज्ञान, चिकित्सा और मनोरंजन के क्षेत्र में रहे या खेती किसानी से जुड़े रहे हैं, और नौकरी पेशा बुजुर्ग सेवानिवृत्ति के बाद जीवन के नए पहलुओं और चुनौतियों का सामना करते हैं । वरिष्ठ नागरिक दिवस की शुरुआत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के विचारों और प्रयासों से 21 अगस्त  1988 में आधिकारिक तौर पर को राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के रूप में मनाया था ।  संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 1990 ई.  को विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के उत्सव के रूप में समर्पित किया।  बुजुर्ग माता-पिता और दादा-दादी का सम्मान करने के लिए एक साथ  21 अगस्त को आते हैं। सरकार द्वारा वुजुर्ग की खुशियाली और रख रखाव तथा मानसिक संपन्नता के लिए वृद्धाश्रम की व्यवस्था भी की है । वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान भावी पीढ़ियों के लिए ज्ञान का विंदू है ।
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