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अब आयुध कारखानों को भी निजी हाथों में बेचने की तैयारी

अब आयुध कारखानों को भी निजी हाथों में बेचने की तैयारी 

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व सचिव राकेश कपूर ने कहा कि वर्तमान केन्द्रीय सरकार रक्षा नीति में बदलाव कर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। अब आयुध कारखानों को भी निजी हाथों में बेचने की तैयारी में है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पर भी मंडराया खतरा मंडरा रहा है। इसके विरोध में हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को मिली जेल की धमकी!

कांग्रेस नेता राकेश कपूर ने कहा कि मोदी सरकार ने राफेल विमानों की खरीद के दौरान ही अपने चहेते उद्योगपति अनिल अम्बानी को रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ का सरकारी प्रमाण पत्र देकर इस क्षेत्र में भी निजीकरण का रास्ता खोल दिया था। रफ़ाल का कांट्रेक्ट केंद्र सरकार द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से छीन कर रिलायंस कंपनी को दे देने से उसके लगभग 3,000 कामगारों को अपने काम से हाथ धोना पड़ सकता है।

मालूम हो कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इतना समर्थ है कि वो 25 टन सुखोई -30 जैसे विमान का निर्माण कर सकता है जो एक चौथी पीढ़ी वाला लड़ाकू जेट है। उसने भारतीय वायुसेना को तेजस दिया है।

उन्होंने बताया कि अब सरकार भारतीय सेना के लिए बनाए जाने वाले हथियार, टैंक व गोला बारूद के आयुध उद्योगों का भी निजीकरण करने की ओर बढ़ रही है। इसके कर्मचारियों से जुड़े तीन फेडरेशनों ने पिछले 8जुलाई 2021को काला दिवस मना कर इसका विरोध किया।

ज्ञात हो कि दूसरी ओर केंद्र सरकार ने हड़ताल के विरोध में अध्यादेश के माध्यम से इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया। इसके बावजूद आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश के मुराद नगर से लेकर कानपुर, पुणे- महाराष्ट्र, तिरुचिरापल्ली, जबलपुर-मध्यप्रदेश के साथ 41जगहों पर करीब 74 हजार कर्मचारियों ने सरकार के इस प्रयास का विरोध किया है।
प्रदेश कांग्रेस कमिटी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व सचिव राकेश कपूर ने कहा कि वर्तमान केंद्रीय सरकार इस देश की संपत्तियों को तो बेच रही ही है। अब देश की सुरक्षा को भी सौदागरों के हाथों सौंपने का प्रयास कर रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है। इसे देश की जनता को गंभीरता से लेना होगा।
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