प्रेम की एक पाती
प्रेम की एक पाती लिखो,
देश के वीर जवानों के नाम,
माता-पिता सकुशल तुम्हारे,
वेफिक्र हो करो अपना काम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
बीबी तुम्हारी सदैव राह देखती,
लेती सुबह-शाम तेरा नाम,
करती दुवा वह अपने ईश से,
करो दुश्मन का काम तमाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
वीर पिता के पुत्र हो तुम,
देश को तुमपर नाज,अभिमान
कभी डगमगाये नहीं तेरे कदम,
देना अपने फर्ज को अंजाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
यह देश वलिदान मांगता,
मांगता यह तन-मन प्राण,
नहीं समझो कमजोर खुद को,
दुश्मन को दो यह पैगाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
बढ़ रहा दुश्मन अपने सीमा पर ,
लगा दो तुम उसपर लगाम,
चीर दो सीना दुश्मन का,
तब लो तुम चैन,विश्राम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
कभी खुद को अकेला नहीं समझो,
यह कवि"अकेला"तेरे साथ सुबह-शाम,
तुम हो माँ भारती के लाल,
करती सैल्युट तुझे सारी आवाम।
प्रेम की एक पाती लिखो...।
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अरविन्द अकेला
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