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आज बरसना शुरू हुआ है

आज बरसना शुरू हुआ है

आज बरसना शुरू हुआ है, देखें कब तक बरसेगा,
झूम झूमकर बरसेगा या फिर धीमा धीमा बरसेगा।
मौसम की पहली बारिश है, मानसून की दस्तक है,
सूखा ही जायेगा सावन, या फिर हर्षित कर देगा।
लगी हुई थी आंखें नभ में, बादल घिर कर आयेगा,
आकुल होती प्यासी धरती, जल से प्यास बुझा देगा।
आषाढ़ बीतता जाता है, कैसे धरती की प्यास बुझेगी,
गर बीतेगा सावन सूखा, 'कीर्ति' नयनों से नीर बहायेगा

अ कीर्ति वर्द्धन
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