सेवानिवृत जस्टिस अरुण मिश्रा बने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, आज संभालेंगे पदभार।
पटना महानगर जिला कांग्रेस कमिटी के पूर्व उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता व पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने इनकी इस नियुक्ति का राज बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा की बैंच को 2019 से 2020 के बीच अडानी से संबंधित सात केस मिले.
अरुण मिश्रा ने इन सातों केस में फैसला अडानी के पक्ष में दिया. अपने रिटायरमेंट से दो दिन पहले 31 अगस्त 2020 को उन्होंने अडानी पॉवर के पक्ष में आखरी फैसला सुनाया.
श्री कपूर ने कहा कि अडानी पॉवर कंपनी पर 8000 करोड़ रुपए के मुआवजे और पेनाल्टी का केस आया था. अरुण मिश्रा ने राजस्थान सरकार की दलील को खारिज कर दिया. और 8000 करोड़ रुपए का भार जयपुर, जोधपुर और अजमेर शहर के बिजली उपभोक्ताओं के माथे मढ़ दिया गया !
उन्होने बताया कि अरुण मिश्रा ने आदिवासी समाज और आरक्षण के खिलाफ जमकर फैसले दिए. इनाम मिलना तय था. RSS BJP ने अरुण मिश्रा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग NHRC का प्रमुख बनाया। पटना महानगर जिला कांग्रेस कमिटी के पूर्व उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता व सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने कहा कि मोदी युग में मानवाधिकारों का हनन करने वाला मिश्रा मानवाधिकार की रक्षा करेगा? नरेंद्र मोदी जी हमेशा दूध के रक्षा की जिम्मेदारी किसी बिल्ली को देते हैं !
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