कई मायनों में अद्वितीय थे वीर सावरकर

कई मायनों में अद्वितीय थे वीर सावरकर

साहस , सहनशीलता , वीरता , धैर्य एवं कर्तव्य निष्ठा के पुंज सावरकर के जीवन का प्रत्येक क्षण घटनापूर्ण रहा है । राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका व्यक्तित्व असाधारण था । वे अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अनेक क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई , उनके समान कोई दूसरा नहीं हो सका ।


1) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्वतंत्रता के लिए क्रांतिकारी अभियान चलाने वाले पहले भारतीय ।


2) मुद्रित और प्रकाशित होने के पूर्व ही दो शासनों ने जिनकी पुस्तकें जब्त की , ऐसे पहले लेखक ।


3) भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत होने के कारण जिन्हें भारतीय विश्वविद्यालय की अपनी पदवी से वंचित होना पड़ा , ऐसे पहले पदवीधारक ।


4) राजनिष्ठा की शपथ लेने से इंकार कर देने के कारण जिन्हें लंदन में बैरिस्टर की उपाधि प्रदान नहीं की गई , ऐसे पहले भारतीय विद्यार्थी ।


5) भारतीय जीवन के सभी स्तरों पर पुनर्घटना करने में जिन्होंने गंभीरता से विचार किया और अपनी रत्नागिरी की स्थानबद्धता के कालखंड में जिन्होंने अस्पृश्यता को मिटाने और जाति मुक्त समाज निर्माण के लिए तीव्र अभियान चलाया , ऐसे पहले क्रांतिकारी नेता ।


6) प्रकट सभा में विदेशी कपड़ों की होली जलाने का साहस दिखाने वाले पहले राजनेता ।


7) ब्रिटिश न्यायालय के अधिकार को अमान्य करने वाले भारत के पहले विद्रोही नेता ।


8) दो जन्मों का आजीवन कारावास का दंड मिलने पर भी उससे बचकर बाद में क्रियाशील रहे , ऐसे संसार के पहले राजबंदी ।


9) संपूर्ण राजनैतिक स्वतंत्रता यही भारत का ध्येय है , ऐसी साहसपूर्ण घोषणा करने वाले पहले राजनैतिक नेता ।


10) लेखनी और कागज से वंचित होकर भी जिन्होंने कविता रची उन्हें कारागृह की दीवारों पर कांटों से उकेरा , उनकी दस सहस्त्र पंक्तियां वर्षों स्मरण रखकर बाद में अपने सहबंदियों द्वारा उन्हें भारत में पहुंचाने वाले संसार के पहले कवि ।


11) विदेशी भूमि पर बंदी बनाना देश के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में प्रतिष्ठा का विषय हो गया , ऐसे पहले राजबंदी ।


12) अखिल भारत हिंदू महासभा को केवल धर्म समान न रखकर राष्ट्र सभा अर्थात राजनीतिक दल बनाने की प्रथम आधिकारिक घोषणा करने वाले प्रथम हिंदू नेता ।


13) भारत विभाजन की मांग करने वाले दलों के विरुद्ध अखंड भारत सम्मेलन (1943) का दिल्ली में आयोजन करने वाले प्रथम राष्ट्र नेता ।


14) जब गांधी जी ने मुखालफत आंदोलन के समय अफगानिस्तान के मुस्लिम बादशाह को भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण दिया तब हिंदू राष्ट्र नेपाल के महाराजा को भारत के ब्रिटिश शासन को ध्वस्त करने का निमंत्रण देने वाले प्रथम राष्ट्र नेता ।


15) द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन नियंत्रित भारतीय सेना में हिंदू युवकों की भर्ती का आह्वान कर सेना में मुस्लिम वर्चस्व को तोड़कर हिंदू सैनिकों का बहुमत बनाने में सफल प्रथम राष्ट्र नेता


16) 1957 में दिल्ली में आयोजित 1857 के स्वाधीनता संग्राम शताब्दी समारोह में परमाणु बम के निर्माण का भारत सरकार से आह्वान करने वाले प्रथम राष्ट्र नेता ।


17) हिंदुओं का सैनिकीकरण , राजनीति का हिंदूकरण तथा धर्मांतरण यानी राष्ट्रान्तरण का अमर उदघोष करने वाले अद्वितीय राष्ट्र नेता ।


18) भारत छोड़ो आंदोलन में छिपे भारत तोड़ो आंदोलन के षड्यंत्र का पूर्वाभास करने वाले प्रथम राष्ट्र नेता ।


19) योग की सर्वोच्च परंपरा के अनुसार जिन्होंने आत्मार्पण द्वारा मृत्यु का स्वयं आलिंगन किया , ऐसे पहले और एकमात्र क्रांतिकारी ।
जब सावरकर जी का शरीर अत्यंत ही दुर्बल हो गया तो उन्होंने शारीरिक यातनाओं का अंत करने के लिए उपवास का मार्ग अपनाने का विचार किया । 26 फरवरी 1966 को प्रातःकाल 11बजकर 10 मिनट पर उनकी प्राण ज्योति अनंत में विलीन हो गई । लगभग हर महान व्यक्ति की तरह इस महान विभूति ने भी अपेक्षित वातावरण में ही स्वर्ग की ओर प्रस्थान किया ।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों के पूज्य महान क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर सदा ही प्रत्येक देश भक्तों को स्मरणीय रहेंगे ।
लेखक -- धर्म चंद्र पोद्दार
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