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एलोपैथी बनाम आयुर्वेद।

एलोपैथी बनाम आयुर्वेद।

एलोपैथिक डॉक्टर को बुद्धिभ्रष्ट धर्मभ्रष्ट लुटेरा डॉक्टर बनने से बचाने के लिए वैदिक गुरु परम्परा से दीक्षित होकर वेदविज्ञान, आयुर्विज्ञान (आयुर्वेद) तथा धर्मअर्थन्यायविधिविज्ञान (Science of Dharma Economics Law and Justice) के मूल सिद्धांतों की सामान्य शिक्षा AIIMS सहित सभी एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में सभी एलोपैथिक डॉक्टर के लिए अनिवार्य कर देना चाहिए।


Sanoj Singh डॉ0 सनोज सिंह, सुप्रसिद्ध श्रेष्ठ संस्कारी ऑर्थोपेडिक सर्जन हमारे घनिष्ठ मित्र हैं।


डॉक्टर सनोज सिंह एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की उच्च शिक्षा प्राप्त श्रेष्ठ संस्कारी पिता के संस्कारी पुत्र पटना के सुप्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं।


वंश परम्परा से श्रेष्ठ संस्कार प्राप्त श्रेष्ठ पिता के ज्येष्ठ पुत्र होने के कारण एलोपैथी के सुप्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन होने के बावजूद आजतक वह बुद्धिभ्रष्ट धर्मभ्रष्ट लुटेरे डॉक्टर नहीं बन सके।


एक ऐक्सिडेंट में एक महिला ऑटो रिक्शा टेम्पो से नीचे गिर गयी थी तथा पीछे से आती हुई ट्रक के चक्का के नीचे पिसकर उस महिला का हाथ चार जगह से फ्रैक्चर होकर चूर चूर हो गया था।


हमारे एक अन्य घनिष्ठ मित्र हरेंद्र कुमार सिंह 'आजाद' ने उस महिला के चार जगह से टूटकर चूर हुए हाथ को गमछा में मोटरी की तरह बांधकर उस महिला को तुरंत ऑपरेशन द्वारा अच्छी चिकित्सा के लिए निकट हॉस्पीटल ले गए। अन्य डॉक्टर उसकी हालत देखकर घबरा गए। डॉ0 सनोज सिंह ने चुनौतीपूर्ण कार्य को अपना कर्त्तव्य धर्म समझकर उस महिला का ऑपरेशन किया। उसके हाथ में स्टील का रॉड डालकर तीन बार ऑपरेशन करना पड़ा। उसके बाद वह महिला पूर्ण रूप से ठीक हो गयी और उसका हाथ पूर्ववत ठीक से काम करने लगा।


डॉ0 सनोज सिंह तथा उनकी पत्नी, छोटे भाई और उनके पिताजी सहित उनके समस्त परिवार के श्रेष्ठ सदगुण संस्कार से हम बेहद प्रभावित रहते हैं। हम जब भी कभी उनके घर गए तो उनका पूरा परिवार के सभी लोग बहुत आत्मीयता से मिलते रहे और बड़े प्रेम से शुद्ध सात्विक आयुर्वेदिक भोजन भी कराते रहे। डॉ0 सनोज सिंह की बेहद खूबसूरत पत्नी भी बहुत संस्कारी महिला हैं। उनके छोटे भाई मॉडर्न इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद आध्यात्मिक विचार के कृष्णभक्त तथा गीता के अनुयायी हैं।


हमारे अपने एक चाचाजी डॉ0 विद्या व्रत शर्मा एलोपैथी की उच्च शिक्षा प्राप्त झांसी मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पीटल (उत्तर प्रदेश) के सुप्रसिद्ध फिजिशियन रहे हैं। वैदिक परम्परा के विश्वप्रसिद्ध श्रेष्ठ संस्कारी आयुर्वेदिक परिवार में वंश परम्परा से दीक्षित होने के कारण आजतक वह भी भुद्धिभ्रष्ट धर्मभ्रष्ट लुटेरा डॉक्टर नहीं बन सके।


हमारे प्रपितामह पंडित हरिनारायण शर्मा द्वारा सन 1901 ई0 में स्थापित तथा 1915 ई0 में विस्तारित वेदरत्न विद्यालय गुरूकुल (कॉम्प्रिहेंसिव हिस्ट्री ऑफ बिहार, वॉल्यूम 3 पार्ट 2 पृष्ठ 31 में वर्णित विश्वप्रसिद्ध गुरूकुल) में वैदिक गुरु परम्परा से दीक्षित होने के कारण राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुप्रसिद्ध आँख रोग विशेषज्ञ (Expert Opthalmologist Opthalmic Doctor) होने के बावजूद डॉ0 दुखन राम आजीवन वह कभी भी बुद्धिभ्रष्ट धर्मभ्रष्ट डकैत डॉक्टर नहीं बन सके।


उपरोक्त वेदरत्न विद्यालय गुरूकुल में वैदिक गुरु परम्परा से दीक्षित होने के कारण हमारे प्रपितामह के श्रेष्ठ शिष्य अपने जमाने में पटना के सुप्रसिद्ध फिजिशियन तथा पटना मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पीटल में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ0 बद्री प्रसाद एवं डॉ0 मधुसूदन दास भी आजीवन कभी भी बुद्धिभ्रष्ट धर्मभ्रष्ट डकैत डॉक्टर नहीं बन सके।


उपरोक्त वेदरत्न विद्यालय गुरूकुल के प्राचार्य हमारे दादाजी पंडित वेदव्रत शर्मा से गुरु परम्परा में दीक्षित होने के कारण उनके श्रेष्ठ शिष्य डॉ0 शिवनारायण सिंह पटना के सर्वश्रेष्ठ एलोपैथिक फिजिशियन होने के बावजूद आजीवन वह कभी भी बुद्धिभ्रष्ट धर्मभ्रष्ट लुटेरे डॉक्टर नहीं बन सके।


यह सभी सुप्रसिद्ध एलोपैथिक डॉक्टर लोग सम्पूर्ण समाज में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुप्रसिद्ध होकर समाज में सभी समुदाय के लोगों से सम्मानित पूजित होकर एलोपैथिक डॉक्टर होने के बावजूद यह सभी डॉक्टर धरती पर देवता का रूप माने समझे जाते रहे हैं।


परंतु वर्तमान समय में गुरूकुल की गुरु परम्परा तथा संयुक्त परिवार की श्रेष्ठ संस्कारी वंश परम्परा से दीक्षित नहीं होने के कारण मॉडर्न एलोपैथिक डॉक्टर लोग बुद्धिभ्रष्ट धर्मभ्रष्ट लुटेरे डॉक्टर बनकर फार्मा कंपनियों के साथ मिलकर डकैतों का गिरोह बनाकर देश की जनता को विभिन्न प्रकार से डरा धमकाकर लाखों करोड़ों रुपया लूटकर लोगों को जान मारने का काम करते जा रहे हैं।

कृष्ण बल्लभ शर्मा 'योगीराज'
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