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नव वर्ष

नव वर्ष 

नव संवत्सर सत संवत्सर 

कण-कण खुशियाली छाई है, 
स्वागत है नव शुभ वेला में 
तुम आ जाना इसवार प्रिये। 

मै राह निहारूगी तेरी 
सरसों की पीली क्यारी में, 
टेसू के गुच्छे लाल लिए 
तुम आ जाना इसवार प्रिये। 

मदहोश महक है महुए की 
कोयल की कूक निराली है, 
अंतर्मन में मधुमास लिए 
तुम आ जाना इसवार प्रिये। 

चल रही बसंती मन्द- मंद 
धरती है रंगी गुलालों से, 
अधरों पर मृदुल मुस्कान लिए 
तुम आ जाना इसवार प्रिये। 
           उषा किरण श्री 
        मुजफ्फरपुर, बिहार 
 नव वर्ष की अनंत शुभकामनायें
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