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पूर्णिया के वीवीआइटी परिसर स्थित सूर्य मंदिर में अचला सप्तमी के अवसर पर श्रद्धा एवं आस्था के साथ भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की गयी.

पूर्णिया के वीवीआइटी परिसर स्थित सूर्य मंदिर में अचला सप्तमी के अवसर पर  श्रद्धा  एवं आस्था के साथ भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की गयी.


अचला सप्तमी के  अवसर पर मरंगा के  वीवीआइटी परिसर स्थित सूर्य मंदिर में शुक्रवार को श्रद्धा  एवं आस्था के साथ भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की गयी.  इस अवसर पर विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन  अनुष्ठान किया जिसमें पूर्णिया और आसपास के शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में भागीदारी निभाई. 
गौरतलब है कि विद्या बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कैम्पस स्थित सूर्य मंदिर में हर साल सूर्यसप्तमी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भगवान भास्कर की पूजा की जाती है.  इसलिए इसे माघी सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है इसके अलावा इसे रथ सप्तमी या अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.  अचला सप्तमी के दिन आरोग्य और प्रकाश के देवता भगवान सूर्य की उपासना की जाती है. इस दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान सूर्य की पूजा करने से लोगों को आरोग्य, धन-संपदा की प्राप्ति होती है. 
वैसे पूर्णिया जिले में सूर्य पूजा की शुरुआत 1986 से हुई.  पूर्व में मिट्टी की मूर्ति बना भगवान भास्कर की पूजा होती रही लेकिन विगत कई वर्षों से मरंगा स्थित वीवीआइटी कॉलेज में आदित्यधाम सूर्य मंदिर की स्थापना के बाद से यह महोत्सव यहां धूमधाम से हर वर्ष मनाया जाता है और सूर्य सप्तमी के दिन पूजा की जाती  है. सूर्यसप्तमी के मौके पर मुख्य रूप से वीवीआइटी के निदेशक राजेश मिश्र, पं. रमेश मिश्र, चन्द्रशेखर भट्ट, सहयोगी आशीष पाठक, प्रो. सी.के मिश्र ,वंशीधर मिश्र, पं. उमेश मिश्र, रविशंकर मिश्र, विमल मिश्र, संजय मिश्रा, अधिवक्ता संजय डाबर,  हर्षित मिश्र, शरद चंद्र पांडे, गोपाल कृष्ण भट्ट, राजन कुमार मिश्रा,जय प्रकाश मिश्र, अरुणाभ मिश्रा,आयुष मिश्रा, विनय शंकर मिश्र, दीनानाथ पाठक, आदि समेत बड़ी संख्या में शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज के लोगों ने भागीदारी निभाई.  शनिवार को पूजन  अनुष्ठान के बाद हवन के साथ दो दिवसीय सूर्य पूजनोत्सव का समापन किया जाएगा.
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